नई दिल्ली: फिल्म पद्मावती के निर्माता द्वारा इसकी प्राइवेट स्क्रीनिंग किए जाने पर सेंसर बोर्ड ने शनिवार को गहरी नाराजगी जताई। दरअसल, यह स्क्रीनिंग मीडिया के लिए आयोजित की गई थी। बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसा करके निर्माता ने नियमों का उल्लंघन किया है।
सेंसर बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि निर्माता ने फिल्म की प्राइवेट स्क्रीनिंग कर कानून का उल्लंघन किया है, जबकि अभी तक फिल्म को सर्टिफिकेट भी नहीं दिया गया है। प्रसून जोशी ने कहा कि 'फिल्म के निर्माता से जरूरी दस्तावेज मांगे गए हैं। उनके आवेदन में कहीं नहीं लिखा गया कि फिल्म काल्पनिक है या ऐतिहासिक। आवेदन अधूरा था, इसलिए लौटा दिया गया।
फिल्म निर्माता से जरूरी दस्तावेज मांगे गए हैं। कई चैनलों ने भी मूवी की समीक्षा की है। फिल्म निर्माता ने सुविधा के लिए निर्माता ने नियमों का उल्लंघन किया'। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने संजय लीला भंसाली निर्देशित 'पद्मावती' को फिल्मकारों के पास वापस भेज दिया है, क्योंकि सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन 'अधूरा' था।
सीबीएफसी के अनुसार, मुद्दा सुलझाने के बाद बोर्ड के पास फिल्म भेजे जाने पर तय मानदंडों के मुताबिक एक बार फिर इसकी समीक्षा की जाएगी। गौरतलब है कि फिल्म को लेकर कई राजपूत समूह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सीबीएफसी में एक सूत्र ने कहा, 'प्रमाणन के लिए फिल्म को पिछले सप्ताह भेजा गया था। जैसा कि आमतौर पर करते हैं, हमने दस्तावेजों की जांच की।
फिल्मकारों को यह बता दिया गया है कि उनका आवेदन अधूरा है। उन्हें इसे दूर करना होगा और फिर इसे ठीक कर वापस भेजना होगा, जिसके बाद हम उसे फिर से देखेंगे'। सूत्र ने बताया, 'कमियों को ठीक करने के बाद जब वे (फिल्मकार) हमारे पास इसे भेजेंगे तो हम एक बार इसकी जांच करेंगे और फिल्म के लिए प्रमाणन की बारी आने पर इसकी भी जांच जाएगी'।
बहरहाल किस आधार पर 'आवेदन में कमी' निकाली गई, जिसके कारण इसे संशोधन के लिये फिल्मकारों को वापस भेजा गया, इस बारे में सूत्र ने विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया'। फिल्म की स्क्रीनिंग की तारीख के बारे में पूछे जाने पर सूत्र ने बताया, 'हमारे पास एक बार फिल्म आ जाए फिर इसे देखने के बाद हम निर्णय लेंगे। कोई अपवाद ('पद्मावती' मामले में) नहीं होगा'। वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के सीओओ अजित एंधेरे ने इन रिपोर्ट की पुष्टि की।
उन्होंने बताया, 'यह सच है। लेकिन सीबीएफसी के साथ फिल्म का कुछ मामूली तकनीकी मुद्दा है। फिल्म देखने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता'।