नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की आने वाली फिल्म 'पद्मावती' रिलीज होने से पहले ही काफी विवाद बढ़ चुका है। अब यह कहा जा रहा है कि राजपूत करणी सेना समूह के विरोध के कारण 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म को दो महीने तक के लिए टाल दिया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिल्म 1 दिसंबर तक सेंसर बोर्ड प्रमाणपत्र पाने की संभावना नहीं है, क्योंकि सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सेंसर बोर्ड) की स्क्रीनिंग कमेटी ने इस फिल्म को अभी तक नहीं देखा है। यह फिल्म सेंसर बोर्ड की स्वीकृति के लिए शुक्रवार को ही सबमिट की गई है। मौजूदा मानदंडों के अनुसार बोर्ड को फिल्म सर्टिफिकेट के फैसले के लिए 61 दिन लग सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक यदि ऐसा होता है तो 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली फिल्म 'पद्मावती' को दो महीनों के लिए स्थगित किया जा सकता है। यह फिल्म 13वीं शताब्दी के चित्तौड़ की महारानी पद्मिनी पर आधारित है।
राजपूत समूह व अन्य फिल्म आलोचकों का कहना है कि फिल्म में पद्मावती को गलत तरीके से अलाउद्दीन खिलजी के बीच एक रोमांटिक संबंध दिखाया जा रहा है। जबकि संजय लीला भंसाली ने कई बार इस आरोप का खंडन किया है।
हाल ही में भंसाली ने एक वीडियो के साथ यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी फिल्म इतिहास को बिगाड़ती नहीं है। लेकिन इस विवाद के बढ़ने के बाद राजपूत समूह को लेकर राजस्थान में राजनीति गर्मा गई है। शूटिंग शुरू होने के वक्त से ही कई बार इस मसले पर बहस हो चुकी है। इस फिल्म में बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, एक्टर रणवीर सिंह व शाहिद कपूर प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
रिलीज टालने की बात पूरी तरह अफवाह: एंधेरे
संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' के निर्माताओं ने उन खबरों का खंडन किया है कि फिल्म की रिलीज अगले साल जनवरी तक के लिये टाल दी गयी है। फिल्म को लेकर कई राजपूत समूह विरोध कर रहे हैं। ऐसी खबरे हैं कि राजनीतिक दबाव के बाद निर्माता 'पद्मावती' की रिलीज 12 जनवरी तक टालने की योजना बना रहे हैं।
संपर्क करने पर वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजित एंधेरे ने बताया कि यह पूरी तरह अफवाह है। उन्होंने यह बयान ट्विटर पर भी साझा की। उन्होंने ट्वीट किया कि 'पद्मावती की रिलीज टालने की अफवाहें निराधार हैं।' फिलहाल अभी तक किसी भी तरह से कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि फिल्म को विवादों या किसी अन्य कारणों से रिलीज डेट बढ़ाई जा रही है।