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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को सख्त संदेश देते हुये उससे कहा कि देश में क्रिकेट के खेल की इस शीर्ष संस्था के व्यापक पुनर्गठन का सुझाव देने संबंधी न्यायमूर्ति आर एम लोढा समिति की सिफारिशों के मामले में रास्ते पर आ जाये। शीर्ष अदालत ने कहा कि समिति की सिफारिशें सीधी, तर्कसंगत और समझ में आने योग्य हैं और सम्मान की हकदार हैं और समिति से अहसमत होने की कोई वजह नहीं है जिसमें विधिक समुदाय के सबसे प्रबुद्ध और सम्मानित सदस्य हैं। शीर्ष अदालत ने लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू करने के बारे में जवाब देने के लिये क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड को चार सप्ताह का समय दिया है, लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि इसके सभी दावेदारों को लंबे समय तक पर्याप्त समय दिया गया है और अंतिम रिपोर्ट तैयार करने से पहले उनके दृष्टिकोण पर भी विचार किया गया और ऐसी स्थिति में इन सिफारिशों को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

ब्लोइमफोंटीन: बल्लेबाज जोस बटलर के शतक की मदद से इंग्लैंड ने बुधवार को यहां दक्षिण अफ्रीका को डकवर्थ लुइस प्रणाली के अनुसार वनडे क्रिकेट श्रृंखला के पहले मैच में 39 रन से हराया। बटलर की 105 रन की पारी की बदौलत इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए नौ विकेट के नुकसान पर 399 रन बनाए। जवाब में विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डी काक ने 96 गेंदों में 138 रन की नाबाद पारी खेली लेकिन तभी बारिश शुरू हो गई। उस समय दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 33 . 3 ओवर में पांच विकेट के नुकसान पर 250 रन था।

नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि सीमित ओवरों के मौजूदा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इतने लंबे समय तक यह जिम्मेदारी इसलिए निभा जा रहे हैं क्योंकि वह आलोचना का सामना करने को तैयार रहने और दबाव में होने के बावजूद धैर्य कायम रखने की कला में माहिर हैं। यह पूछने पर कि क्या कई बार धोनी की अनुचित आलोचना होती है, गांगुली ने कहा, ‘यह काम का हिस्सा है। धोनी इतने लंबे समय से कप्तान है और वह इन सबका आदी है। हम सब इसके आदी हो जाते हैं। साथ ही जब हम अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो हमें आसमान पर बैठा दिया जाता है।’ गांगुली ने यहां कार्यक्रम में कहा, ‘धोनी में दबाव की स्थिति में धर्य बनाए रखने की क्षमता है।

दुबई: वेस्टइंडीज के अनुभवी बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपाल ने कहा है कि उन्हें मास्टर्स चैम्पियंस लीग में खेलने के मद्देनजर अनापत्ति पत्र हासिल करने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने को बाध्य होना पड़ा। उन्होंने चेताया कि चयनकर्ताओं का इस तरह का व्यवहार भविष्य के क्रिकेटरों के लिए चिंता का संकेत है। चंद्रपाल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, ‘‘मुझे वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड द्वारा अनापत्ति पत्र (एनओसी) इस शर्त पर दिया गया कि मैं 23 जनवरी को संन्यास ले लूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैंने अपने संन्यास की घोषणा नहीं की होती, तो वे एनओसी वापस ले लेते।’’ पिछले साल मई में इस 41 वर्षीय खिलाड़ी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले चयनकर्ताओं द्वारा यह कहते हुए टीम से बाहर कर दिया गया था कि इसका कारण उनकी फॉर्म में ‘तेजी’ से आ रही गिरावट है।

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