नई दिल्ली: लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लोढ़ा कमिटी को निर्देश दिया है कि वो बीसीसीआई के अकाउंट की बारीकी से जांच के लिए एक स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करे। इसके अलावा कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सेक्रेटरी अजय शिर्के को दो हफ्ते की समयसीमा दी है। दो हफ्ते के अंदर बीसीसीआई को लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को लागू करने की रिपोर्ट सौंपनी है। इस मामले में अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के फाइनेंशियल ट्रांजक्शन को फिक्स करने के लिए कहा है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा कि क्रिकेट असोसिएशन्स को लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को मानने तक बीसीसीआई से एक पैसा नहीं मिलेगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की रिव्यू पिटिशन को मंगलवार को खारिज कर दिया था। बीसीसीआई ने लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को लागू करने संबंधी फैसले के रिव्यू पिटिशन का सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था। मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर और एस ए बोबडे की पीठ ने बीसीसीआई के वकील की दलीलें सुनने के बाद साफ कर दिया कि वह अपने 18 जुलाई के आदेश की समीक्षा नहीं करेगी। कोर्ट ने लोढा समिति की ज्यादातर सिफारिशों को सही ठहराते हुए बीसीसीआई को उसपर अमल का आदेश दिया था।
लोढा समिति ने एक राज्य एक वोट, बीसीसीआई अधिकारियों के पद पर उम्र और कार्यकाल की समयसीमा, मंत्रियों के बोर्ड से दूर रहने जैसी कई अहम और सख्त सिफारिशें दी हैं जिसे बोर्ड ने लागू करने में असमर्थता जताई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे लागू करने के लिए कहा था जिसके बाद बोर्ड ने रिव्यू पिटिशन दायर की थी।