नई दिल्ली: भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल की टेस्ट सीरीज के दौरान इंदौर के दर्शकों के ‘टेस्ट प्रेम’ से अन्य मैच स्थलों को सीख लेने की सलाह देते हुए कहा कि क्रिकेट के इस लंबी अवधि के प्रारूप को रोमांचक और दर्शकों के अनुकूल बनाने की जिम्मेदारी खिलाड़ियों की है। वरिष्ठ खेल पत्रकार विजय लोकपल्ली की किताब ‘ड्रिवन, द विराट कोहली स्टोरी’ के विमोचन के अवसर पर कल रात यहां कोहली स्वयं मौजूद थे। इस स्टार बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेटर बनने के लिये ही क्रिकेट खेलना शुरू किया था। कोहली ने कहा, ‘मैं ही नहीं प्रत्येक क्रिकेटर जब क्रिकेट खेलना शुरू करता है तो उसका एक ही लक्ष्य होता है टेस्ट क्रिकेटर बनना। टेस्ट क्रिकेट आज भी खिलाड़ियों की प्राथमिकता है। अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम टेस्ट मैच में कैसे खेलते हैं जिससे कि दर्शक इसकी तरफ आकर्षित हों।’ उन्होंने कहा, ‘इंदौर में टेस्ट मैच के दौरान स्टेडियम भरा हुआ था। मैंने वहां दर्शकों में उत्साह देखा। अन्य टेस्ट स्थलों को इससे सीख लेनी चाहिए। हमें टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिये हर संभव प्रयास करने चाहिए।’ इस अवसर पर दिग्गज ऑलराउंडर कपिल देव, भारतीय टीम के वर्तमान कोच अनिल कुंबले, विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग, रवि शास्त्री, आशीष नेहरा, अंजुम चोपड़ा, कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा और कई अन्य क्रिकेटर भी उपस्थित थे।
कपिल ने इस अवसर पर न सिर्फ कोहली बल्कि वर्तमान में भारतीय टीम संस्कृति की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘आजकल के क्रिकेटर हमारे जमाने के क्रिकेटरों से कहीं बेहतर हैं। उनका समर्पण, अनुशासन और कड़ी मेहनत काबिलेतारीफ है। उन्होंने क्षेत्ररक्षण का स्तर बढ़ा दिया है। हमारे समय में क्षेत्ररक्षण ऐसा नहीं था।’ सहवाग ने कहा कि जब उन्हें रणजी टीम के अपने साथी प्रदीप सांगवान ने पहली बार कोहली के बारे में बताया तो उन्हें सहज विश्वास नहीं हुआ था। उन्होंने कहा, ‘जब मैं दिल्ली के लिये खेलता था तो सांगवान ने मुझे बताया कि एक लड़का है गजब की बल्लेबाजी करता है। बाद में मैंने उसे (कोहली) देखा तो तब मुझे लगा कि यह लड़का वास्तव में बहुत प्रतिभाशाली है और यह बहुत आगे तक जाएगा।’ कुंबले ने कहा कि कोहली एक ऐसा खिलाड़ी है जो खुद ही नहीं बल्कि पूरी टीम को तैयार करने में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ वषरें में कोहली में जो बदलाव आपको देखने को मिले हैं उसका पूरा श्रेय उसे जाता है। वह केवल खुद ही नहीं बल्कि पूरी टीम को तैयार करता है। निश्चित तौर पर उसने खेल के हर क्षेत्र में बाकी खिलाड़ियों के लिये मानदंड स्थापित किये हैं। वह अभी महान खिलाड़ी बन चुका है और यह समय बताएगा कि वह किस मुकाम तक पहुंचता है।’ लगभग डेढ़ साल तक भारतीय टीम के निदेशक रहे शास्त्री को इस बीच कोहली को करीब से जानने समझने का मौका मिला और उन्होंने कहा कि उन्हें ड्रेसिंग रूम में कोहली के सरल स्वभाव ने प्रभावित किया। कोहली ने इस किताब की भूमिका भी लिखी है। उन्होंने कहा, ‘वह अभी 27 साल का है लेकिन उसने बहुत कुछ हासिल कर लिया है। मुझे उसके साथ ड्रेसिंग रूम में समय बिताने का मौका मिला और मुझे उसके सरल स्वभाव ने बहुत प्रभावित किया। वह अपने काम के प्रति बेहद ईमानदार है। वह किसी तरह के बहानों के लिये जगह नहीं छोड़ता। वह खुद उदाहरण पेश करता है। यह अच्छा है कि वह एक युवा टीम का कप्तान है।’ कोहली के कोच राजकुमार शर्मा ने कहा कि उसे बचपन से ही चुनौती पसंद हैं। उन्होंने कहा, ‘उसे चुनौतियां हमेशा से पसंद रही हैं। वह चाहता है कि उसे चुनौती मिले। वह आत्मविश्वास से भरा रहता है।’