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नई दिल्ली: भारतीय दौरे में अब तक एक भी जीत दर्ज करने में नाकाम रही न्यूजीलैंड की टीम अब दूसरे वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में फिरोजशाह कोटला के उस मैदान पर उतरेगी जिसमें उसने अब तक एक भी मैच नहीं जीता है जबकि भारत यहां पिछले 11 साल से अजेय है। भारत ने फिरोजशाह कोटला में किसी भी प्रारूप में आखिरी मैच अप्रैल 2005 में गंवाया था। पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया यह वनडे मैच भारतीय टीम चार विकेट से हार गयी थी। इसके बाद हालांकि भारत के लिये यह मैदान भाग्यशाली बन गया और पिछले 11 साल में उसने कोटला में टेस्ट और वनडे में कुल मिलाकर 13 मैच खेले हैं जिनमें से 11 में उसने जीत दर्ज की, एक ड्रा रहा जबकि एक मैच पिच खराब होने के कारण रद्द कर दिया गया था। यदि वनडे की बात करें तो कोटला में भारत ने कुल 18 वनडे मैच खेले हैं जिनमें से 12 में उसे जीत और पांच में हार मिली जबकि एक का परिणाम नहीं निकला। भारतीय कोच अनिल कुंबले के पसंदीदा मैदान पर टीम ने 2006 से लगातार छह वनडे मैच जीते हैं। जहां तक न्यूजीलैंड का सवाल है तो उसकी टीम को फिरोजशाह कोटला में आज तक सफलता नहीं मिली। उसने भारत के खिलाफ इस मैदान पर दो टेस्ट मैच खेले जिसमें एक में उसे हार मिली जबकि एक ड्रा रहा। न्यूजीलैंड ने यहां पर इससे पहले दो एकदिवसीय मैच भी खेले लेकिन भारत ने इन दोनों में उसे करारी शिकस्त दी।

भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीसरा वनडे मोहाली में खेला जाएगा जहां कीवी टीम ने कुछ मैचों में जीत का स्वाद चखा है लेकिन ये मैच उसने भारत नहीं बल्कि उसके पड़ोसी पाकिस्तान के खिलाफ जीते हैं। भारत के खिलाफ मोहाली में न्यूजीलैंड पहली बार वनडे खेलने के लिये उतरेगा। इससे पहले इन दोनों टीमों के बीच पीसीए स्टेडियम में केवल दो टेस्ट मैच खेले गये और वे दोनों ड्रॉ रहे। न्यूजीलैंड ने मोहाली में तीन वनडे खेले हैं जिसमें दो मैचों में उसने पाकिस्तान (1997 इंडिपेंडेस कप और 2006 आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी) को हराया था जबकि आस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी मैदान पर 2006 में खेले गये मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा था। न्यूजीलैंड ने यहां विश्व टी20 का एक मैच भी पाकिस्तान के खिलाफ खेला जिसमें उसने जीत दर्ज की थी। रांची और विशाखापट्टनम में क्रमश: चौथा और पांचवां वनडे खेला जाएगा और इसमें पहली बार ये दोनों टीमें आमने सामने होंगी। विशाखापट्टनम में 2012 में इन दोनों टीमों के बीच एक टी20 मैच खेला जाना था लेकिन बारिश के कारण उस मैच में एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी थी।

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