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इंदौर: भारत और न्‍यूजीलैंड के बीच इंदौर टेस्ट के दूसरे दिन सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त ले चुकी टीम इंडिया ने अपनी पहली चायकाल के बाद 5 विकेट पर 557 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। रोहित शर्मा (51) और रवींद्र जडेजा (17) नाबाद लौटे। भारत की ओर से विराट कोहली ने जहां करियर का दूसरा दोहरा शतक (211 रन) बनाया, वहीं अजिक्य रहाणे ने 188 रन की शानदार पारी खेली। कीवी टीम के जीतन पटेल और ट्रेंट बोल्ट ने 2-2 विकेट लिए, जबकि मिचेल सैंटनर ने एक विकेट लिया। जवाब में न्यूजीलैंड ने दिन का खेल खत्म होने तक बिना किसी नुकसान के 28 रन बना लिए। मार्टिन गप्टिल (17) और टॉम लाथम (6) नाबाद रहे। भारतीय बल्लेबाजी के दौरान कीवी टीम को 5 रन अतिरिक्त दिए गए, क्योंकि रवींद्र जडेजा ने बल्लेबाजी के दौरान पिच के डेंजर एरिया में दौड़ लगा दी। उन्होंने ऐसा दो बार किया, जिससे अंपायर ने 5 रन की पेनल्टी लगा दी। इस प्रकार न्यूजीलैंड ने 0 की बजाय 5 रन से अपनी पारी की शुरुआत की। दिन के खेल आकर्षण विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की बल्लेबाजी रही। कप्तान विराट कोहली (211 रन, 366 गेंदें, 20 चौके) को स्पिनर जीतन पटेल ने पगबाधा आउट किया। इसके बाद दूसरे शतकवीर अजिंक्य रहाणे भी 188 रन की शानदार पारी खेलकर पैवेलियन लौट गए। उन्होंने 18 चौके, 4 छक्के लगाए. भारतीय टेस्ट इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब चौथे और पांचवें नंबर के बल्लेबाजों ने 150 से अधिक का स्कोर बनाया है।

इससे पहले सचिन तेंदुलकर (241*) और वीवीएस लक्ष्मण (178) ने 2003-04 में सिडनी में ऐसा किया था। कोहली ने टेस्ट करियर का दूसरा टेस्ट शतक लगाया। उन्होंने इसी साल जुलाई में वेस्टइंडीज के खिलाफ नॉर्थ साउंड में पहला दोहरा शतक लगाया था। इसी के साथ वह कप्तान के रूप में दो दोहरे शतक लगाने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए। उन्होंने पहले दोहरे शतक के बाद नौवीं पारी (200, 33, 3, 4, 16, 9, 18, 9, 45, 200*) में यह उपलब्धि अपने नाम की। रहाणे ने 210 गेंदों में अपना आठवां टेस्ट शतक बनाया है। उन्होंने पिछला शतक (108*) वेस्टइंडीज के खिलाफ जुलाई, 2016 में किंग्सटन में ठोका था। भारत-न्यूजीलैंड के बीच वर्तमान टेस्ट सीरीज में दोनों टीमों की ओर से यह दूसरा शतक रहा। गौरतलब है कि सीरीज का पहला शतक इसी टेस्ट के पहले दिन कोहली ने लगाया है। कोहली-रहाणे के बीच 365 रन की साझेदारी हुई। दोनों ने चौथे विकेट के लिए साझेदारी का भारतीय रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। इससे पहले सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण ने इसी विकेट के लिए सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जनवरी, 2004 में 353 रन जोड़े थे। दूसरे दिन टीम इंडिया की पारी को शनिवार के नाबाद बल्लेबाज विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे ने 267 रन से आगे बढ़ाया। न्यूजीलैंड की ओर से गेंदबाजी की शुरुआत स्पिनर मिचेल सैंटनर ने की। दिन की पहली गेंद का सामना विराट ने किया, वह गेंद तक अच्छी तरह पहुंच नहीं पाए और गेंद बल्ले के निचले हिस्से में लगी। हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ। इसके बाद कोहली ने लय पकड़ ली और दोहरा शतक बनाकर ही लौटे। दर्शक उनके हर स्ट्रोक पर उत्साह बढ़ाते नजर आए। उन्हें स्पिनर जीतन पटेल ने 211 के निजी स्कोर पर चौथे विकेट के रूप में पगबाधा आउट किया। उस समय भारत का स्कोर 465 रन था. भारतीय स्कोर में 39 और जुड़े थे कि 504 रन पर पांचवां विकेट गिर गया। दूसरे शतकवीर अजिंक्य रहाणे को 188 रन पर ट्रेंट बोल्ट ने विकेट के पीछे लपकवाया। अजिंक्‍य रहाणे ने करियर के आठवें शतक के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में अपने 2000 रन भी पूरे कर लिए। उनसे पहले भारत के 35 बल्लेबाज यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। वैसे टेस्‍ट क्रिकेट में सबसे तेज कम पारियों में 2000 रन बनाने के मामले में वे भारत में 10वें स्‍थान पर हैं। अजिंक्‍य ने 49 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की है। भारत के लिए सबसे कम पारियों में 2000 रन पूरा करने का रिकॉर्ड संयुक्‍त रूप से वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ (40 पारियां) के नाम पर है। टीम इंडिया ने टॉस जीतने के बाद पहले बैटिंग का फैसला किया। पहले दिन की उपलब्धि कप्तान विराट कोहली का 13वां टेस्ट शतक रहा। उन्होंने मुश्किल समय पर धैर्य से खेलते हुए 184 गेंदों में अपना 13वां टेस्ट शतक जमाया। अजिंक्य रहाणे ने 3 विकेट गिरने के बाद उनका बखूबी साथ दिया और 123 गेंदों में 10वीं फिफ्टी बनाई। कोहली-रहाणे के बीच 167 रन की नाबाद शतकीय साझेदारी हुई। भारतीय पारी की शुरुआत गौतम गंभीर और मुरली विजय ने की। टीम इंडिया ने 26 रन ही जोड़े थे कि मुरली विजय (10) विकेट गंवा बैठे। इसके बाद टीम में 2 साल बाद वापसी करने वाले गंभीर ने कुछ अच्छे शॉट खेले। दो छक्के भी लगाए, लेकिन लंबी पारी नहीं खेल सके और 29 रन बनाकर चलते बने। आउट होने वे पहले उन्होंने पुजारा के साथ 34 रन जोड़े। भारत ने 60 रन पर ही दो विकेट खो दिए थे. सीरीज में 3 फिफ्टी लगा चुके चेतेश्वर पुजारा से बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन वह चौथी फिफ्टी लगाने से ही चूक गए और 41 रन पर स्पिनर मिचेल सैंटनर की गेंद पर बोल्ड हो गए। 100 के स्कोर पर तीसरा विकेट गिरा। विराट कोहली ने पहले चेतेश्वर पुजारा के साथ तीसरे विकेट के लिए 40 रन की साझेदारी की, फिर टीम इंडिया को मुश्किल दौर में संभालते हुए अजिंक्य रहाणे के साथ उन्होंने शतकीय साझेदारी की और संकट में दिख रही टीम को उबारते हुए 3 विकेट पर 267 रन तक पहुंचा दिया। टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान कोहली ने भारतीय धरती पर 3 साल बाद टेस्ट शतक लगाया। यह कप्तान के रूप में भी देश की धरती पर उनका पहला शतक रहा। आखिरी बार उन्होंने 22 फरवरी 2013 को ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ चेन्‍नई में 107 रन बनाए थे। इससे पहले टेस्ट कप्तान के रूप में भारतीय मैदान पर विराट का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 88 रन था, जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2015 में फिरोजशाह कोटला में बनाया था। इस सीरीज में कानपुर में जहां उनका बल्ला खामोश रहा था, वहीं कोलकाता टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने 45 रन बनाकर फॉर्म में वापसी के संकेत दिए थे। यह शतक 8 पारियों के बाद निकला है। इससे पहले उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ जुलाई, 2016 में दोहरा शतक लगाया था, तब से वह फिफ्टी भी नहीं बना पा रहे थे। इस दौरान उनके अधितम स्कोर 44 और 45 रन रहे। इंदौर में उन्होंने 108 गेंदों में 13वीं फिफ्टी पूरी की, जबकि शतक के लिए 184 गेंदें खेलीं।

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