नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने देश के शीर्ष पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को एशियाई खेलों के ट्रायल से दी गई छूट को कायम रखा है। इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई। न्यायालय से विनेश और बजरंग को राहत मिली है। विनेश और बजरंग को सीधे प्रवेश के खिलाफ अंडर-20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल और अंडर-23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल की याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि छूट में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।
फोगाट (53 किग्रा) और पूनिया (65 किग्रा) को मंगलवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की तदर्थ समिति द्वारा एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश दिया गया था, जबकि अन्य पहलवानों को 22 और 23 जुलाई को चयन ट्रायल के माध्यम से भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करनी होगी। पंघाल और कलकल ने छूट को चुनौती दी थी और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया की मांग की थी।
अधिवक्ता ऋषिकेश बरुआ द्वारा दायर याचिका में मांग की गई है कि दो श्रेणियों (पुरुषों) की फ्री स्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं की 53 किग्रा) के संबंध में आईओए तदर्थ समिति द्वारा जारी निर्देश को रद्द किया जाए और फोगट और पूनिया को दी गई छूट रद्द की जाए।
बंद दरवाजों में होंगे ट्रायल
एशियाई खेलों के लिए शनिवार और रविवार को होने वाले ट्रायल बंद दरवाजों में होंगे। ट्रायल के दौरान किसी भी पहलवान के माता-पिता, समर्थको को जाने की इजाजत नहीं होगी। सिर्फ पहलवान का एक कोच और मैस्योर ही साथ जा सकेंगे। ऐसा तदर्थ समिति के सदस्यों की पहलवानों के परिजनों से शुक्रवार को झड़प के बाद हुआ। शनिवार को ग्रीको रोमन और महिला वर्ग में ट्रायल कराए जाएंगे।