पोर्ट ऑफ स्पेन: भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा और आखिरी मुकाबला पोर्ट ऑफ स्पेन में खेला जा रहा है। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक चार विकेट पर 288 रन बना लिए हैं। विराट कोहली 161 गेंदों में 87 रन और रवींद्र जडेजा 84 गेंदों में 36 रन बनाकर नाबाद हैं। दोनों के बीच अब तक 201 गेंदों में 106 रन की साझेदारी हो चुकी है।
यह विराट का 500वां अंतरराष्ट्रीय मैच है। वह इस मुकाम को छूने वाले भारत के चौथे और ओवरऑल 10वें क्रिकेटर हैं। उनसे पहले सचिन तेंदुलकर (664), महेला जयवर्धने (652), कुमार संगकारा (594), सनथ जयसूर्या (586), रिकी पोंटिंग (560), महेंद्र सिंह धोनी (538), शाहिद अफरीदी (524), जैक कैलिस (519) और राहुल द्रविड़ (509) ऐसा कर चुके हैं।
टीम इंडिया की शुरुआत शानदार रही थी। लंच तक भारत ने बिना विकेट गंवाए 26 ओवर में 121 रन बना लिए थे। तब टीम इंडिया करीब पांच के रन रेट से स्कोर कर रही थी। यह तीसरी बार रहा जब वेस्टइंडीज की धरती पर भारतीय टीम पहले दिन बिना विकेट गंवाए लंच तक पहुंची।
इससे पहले 21 अप्रैल 1976 को गावस्कर और अंशुमन ने किंग्सटन में भारत को बिना विकेट गंवाए लंच ब्रेक तक पहुंचाया था। तब भारत ने पहले दिन लंच ब्रेक तक बिना विकेट गंवाए 62 रन बनाए थे। वहीं, दूसरी बार ऐसा 10 जून, 2006 में हुआ था। तब वसीम जाफर और सहवाग ने सेंट लूसिया में पहले दिन लंच ब्रेक तक भारत का कोई विकेट नहीं गिरने दिया था और 140 रन जोड़ लिए थे।
लगातार दूसरे टेस्ट में रोहित-यशस्वी की शतकीय ओपनिंग साझेदारी
यशस्वी ने लगातार दूसरे टेस्ट में 50+ का स्कोर बनाया। डोमिनिका में खेले गए पिछले टेस्ट में उन्होंने 171 रन की पारी खेली थी। यशस्वी ने 49 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया। वहीं, कप्तान रोहित ने उनका बखूबी साथ निभाते हुए टेस्ट करियर का 15वां अर्धशतक जड़ा। हालांकि, लंच के बाद दूसरे सेशन में भारतीय पारी लड़खड़ा गई। लंच के तुरंत बाद यशस्वी आउट हो गए। उन्होंने 74 गेंदों में नौ चौके और एक छक्के की मदद से 57 रन की पारी खेली। यशस्वी और रोहित के बीच पहले विकेट के लिए 139 रन की साझेदारी हुई।
यशस्वी और रोहित के बीच रिकॉर्ड साझेदारी
दोनों के बीच यह लगातार दूसरे टेस्ट में शतकीय साझेदारी हुई। इससे पहले डोमिनिका टेस्ट में दोनों के बीच 229 रन की साझेदारी हुई थी। टेस्ट क्रिकेट में बतौर भारतीय ओपनर सबसे ज्यादा बार लगातार शतकीय साझेदारी के मामले में रोहित और यशस्वी की जोड़ी संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर पहुंच गई है। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार लगातार शतकीय साझेदारी करने वाली भारतीय ओपनिंग जोड़ी वीरेंद्र सहवाग और मुरली विजय की है। इन दोनों ने 2008-09 में लगातार तीन बार शतकीय साझेदारी की थी। इसके बाद दूसरे स्थान पर रोहित-यशस्वी के अलावा सुनील गावस्कर-फारुख इंजीनियर (1973-74), सुनील गावस्कर-अंशुमन गायकवाड़ (1976), सुनील गावस्कर-अरुण लाल (1982) और सदगोपन रमेश और देवांग गांधी (1999 हैं। किसी एक सीरीज में लगातार दो बार शतकीय साझेदारी करने वाली ओपनिंग जोड़ी के मामले में रोहित-यशस्वी की जोड़ी दूसरे स्थान पर है। इससे पहले सदगोपन और देवांग ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 1999 टेस्ट सीरीज में ऐसा किया था।
किसी अवे सीरीज यानि विदेशी जमीन पर टेस्ट सीरीज में भारतीय ओपनर्स द्वारा सबसे ज्यादा शतकीय साझेदारी के मामले में रोहित और यशस्वी दो शतकीय साझेदारी के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर पहुंच गए हैं। इन दोनों से पहले सुनील गावस्कर और चेतन चौहान (इंग्लैंड, 1979), वीरेंद्र सहवाग और आकाश चोपड़ा (ऑस्ट्रेलिया, 2003/04) और वीरेंद्र सहवाग और वसीम जाफर (वेस्टइंडीज, 2006) में दो-दो बार ऐसा कर चुके हैं।
शुभमन गिल और रहाणे फिर फ्लॉप
यशस्वी के आउट होने के बाद नए नंबर-तीन शुभमन गिल बल्लेबाजी के लिए आए। हालांकि, वह लगातार दूसरे टेस्ट में इस नंबर पर फेल रहे। चेतेश्वर पुजारा को बाहर करने के बाद भारत अपना नया नंबर-तीन तलाश रहा है। शुभमन ने खुद नंबर-तीन बनने की इच्छा जताई थी, लेकिन ऐसा लग रहा है उन्हें यह नंबर रास नहीं आ रहा है। वह 10 रन बनाकर केमार रोच की गेंद पर विकेटकीपर जोशुआ को कैच थमा बैठे। डोमिनिका में पिछले टेस्ट में शुभमन ने नंबर-तीन पर बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ छह रन बनाए थे।
शतक के करीब पहुंच रहे कप्तान रोहित भी स्पिनर वारिकन की गेंद पर विकेट गंवा बैठे। रोहित ने 143 गेंदों में नौ चौके और दो छक्के की मदद से 80 रन की पारी खेली। चायकाल से ठीक पहले इस सीरीज के लिए उपकप्तान बनाए गए अजिंक्य रहाणे भी अपना विकेट गंवा बैठे। वह भी लगातार दूसरे टेस्ट में फ्लॉप रहे। रहाणे आठ रन बना सके। उन्हें शैनन गैब्रियल ने क्लीन बोल्ड किया। डोमिनिका में पिछले टेस्ट में रहाणे ने तीन रन बनाए थे।
दूसरे सत्र यानी लंच से लेकर चायकाल तक भारत ने 24.4 ओवर में 61 रन बनाए और चार विकेट गंवा दिए। तीसरे सत्र में विराट कोहली का साथ निभाने रवींद्र जडेजा आए। उन्हें एक बार फिर ईशान किशन से पहले मौका दिया गया। जडेजा ने इस मौके को भुनाते हुए तीसरे सत्र में कोई विकेट नहीं गिरने दिया। भारत ने तीसरे सेशन यानी चायकाल से लेकर दिन का खेल समाप्त होने तक 33.2 ओवर में बिना कोई विकेट गंवाए 106 रन बनाए।
इस बीच विराट कोहली ने टेस्ट करियर का 30वां अर्धशतक लगाया। उन्होंने 97 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया। दिन का खेल खत्म होने तक विराट 87 और जडेजा 36 रन बनाकर नाबाद हैं। विराट अपने 29वें टेस्ट शतक से सिर्फ 13 रन दूर हैं। इस मैच में शतक लगाकर विराट अपने 500वें अंतरराष्ट्रीय मैच को खास बनाना चाहेंगे। विंडीज की ओर से रोच, गैब्रियल, वारिकन और होल्डर ने अब तक एक-एक विकेट लिए हैं।