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नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर मंतर पर स्टार रेसलर विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक सहित कई पहलवानों का धरना जारी है। ये पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और पहलवानों को धमकाने के आरोपों में कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। इस मामले को लेकर गुरुवार (27 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई।

बजरंग पुनिया ने पीटी उषा के बयान पर जताई नाराजगी

पहलवानों के धरने पर भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने गुरुवार को कहा कि सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ में यौन उत्पीड़न के लिए एक समिति है, सड़कों पर जाने के बजाय वे (विरोध करने वाले पहलवान) पहले हमारे पास आ सकते थे, लेकिन वे आईओए में नहीं आए। ये केवल पहलवानों के लिए ही नहीं बल्कि खेलों के लिए भी अच्छा नहीं है, उनमें कुछ अनुशासन भी होना चाहिए। इससे भारत की छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट आने तक पहलवानों को रुकना चाहिए था।

पीटी उषा के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि हमें आईओए अध्यक्ष पीटी उषा से ऐसी कठोर प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी, हमें उनसे समर्थन की उम्मीद थी।

इसी बीच राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की प्रमुख रेखा शर्मा ने गुरुवार को महिला पहलवानों की ओर से कथित यौन उत्पीड़न की शिकायत पर दिल्ली पुलिस आयुक्त से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।

रेखा शर्मा ने कहा कि हम मीडिया से बात नहीं कर रहे हैं इसका यह मतलब नहीं है कि हम कुछ नहीं कर रहे हैं। हमने दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखा है और उनसे कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। हमने उनसे यह भी पूछा है कि उन्होंने प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की। उन्हें इस संबंध में शिकायत मिली है और उस पर कार्रवाई की गई है। इसमें शिकायतकर्ता की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा भी शामिल है। वे नहीं चाहते कि उनके नाम उजागर हों। यही वजह है कि हम इस बारे में मीडिया से बात नहीं कर रहे थे।

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर क्या बोले?

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कुछ खिलाड़ी अगर आज जंतर-मंतर पर बैठे हैं उनके साथ किसने बात की? मैं 12 घंटे उनके साथ बैठ। उनकी बात सुनी, कमेटी बनाई, हम निष्पक्ष जांच चाहते थे। इनके कहने पर बबीता फोगाट को कमेटी में शामिल किया गया। हर किसी को अपनी बात रखने का मौका दिया गया। किसी भी थाने में कोई भी एफआईआर दर्ज करवा सकता है। पुलिस ने कहा कि प्राथमिक जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। मोदी सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है। हमारे लिए खेल प्राथमिकता है, जिसके साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे।

बृजभूषण शरण सिंह ने कविता के जरिए दिया जवाब

भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने भी गुरुवार को एक वीडियो मैसेज में कविता के जरिए अपने ऊपर लगे आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जब तक उनके पास लड़ने की ताकत है तब तक वह हार नहीं मानेंगे। उन्होंने कविता सुनाई कि, "जिस दिन जीवन के हानि लाभ पर उतरूंगा, जिस दिन संघर्षों में जाली लग जाएगी, जिस दिन जीवन की लाचारी मुझ पर तरस दिखाएगी, उस दिन जीवन से मृत्यु कहीं बढ़ जाएगी।"

दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और अन्य को नोटिस जारी किया था। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कोर्ट में कहा कि डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सात महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की जरूरत है। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि अगर कोर्ट को लगता है कि सीधे प्राथमिकी दर्ज की जानी है तो ऐसा किया जा सकता है।

कोर्ट ने शुक्रवार को बात रखने को कहा

कोर्ट ने कहा कि सॉलिसिटर आप जानते हैं, हम दूसरे पक्ष को सुने बिना और जब तक हमारे पास कुछ तथ्य न हों, कुछ नहीं करते हैं। आप जो भी बात है उसे शुक्रवार को अदालत के समक्ष रखें। मेहता ने कहा कि ऐसी धारणा कायम न होने दें कि अदालत के कहने के बावजूद प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। पीठ ने मेहता की दलीलों का संज्ञान लिया और कहा कि दिल्ली पुलिस 28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका पर सुनवाई के दौरान प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर अपने विचार रख सकती है।

पप्पू यादव पहुंचे पहलवानों के धरने पर

बिहार के नेता और जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव भी गुरुवार को पहलवानों के धरने पर पहुंचे। खिलाड़ियों को समर्थन देते हुए पप्पू यादव ने कहा कि बलात्कार सिर्फ दलितों और गरीबों की बेटियों का होता है, नेताओं के घर नहीं होता। नेताओं के लिए ये मुद्दा नहीं है। सोच लिया है कि पैसे का खेल खेलो। जो दिखता है वही बिकता है। पिछली बार प्रोटेस्ट लंबा होता तो आज तस्वीर कुछ और होती।

गौरतलब है कि विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट, ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक सहित कई स्टार पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। वे रविवार (23 अप्रैल) से जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। पहलवान यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच करने वाले निगरानी पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।

पहले भी जताया था विरोध

इससे पहले पहलवानों ने बीते जनवरी के महीने में भी दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया था. पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 18 जनवरी को मोर्चा खोला था। धरने और यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद सरकार ने जांच के लिए निगरानी समिति गठित की थी। दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम को इसका अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद पहलवानों ने धरना खत्म कर दिया था।

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