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नई दिल्ली: फिल्म के किसी नायक की तरह आकर्षक लगने वाले, खुशमिजाज व्यक्तित्व के धनी और प्रशंसकों की मांग पर छक्का जड़ने के लिए जाने जाने वाले 1960 के दशक के दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सलीम दुर्रानी का रविवार को निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। उनके परिवार के निकट सूत्रों ने उनकी निधन की सूचना की पुष्टि की। सलीम दुर्रानी अपने छोटे भाई जहांगीर दुर्रानी के साथ गुजरात के जामनगर में रह रहे थे। उनका इस साल जनवरी में जांघ की हड्डी टूट जाने के बाद ऑपरेशन हुआ था। काबुल में जन्मे दुर्रानी न केवल अपनी शानदार बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे, बल्कि वह बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज भी थे। उन्होंने 29 टेस्ट मैच खेले। दुर्रानी ने 1961-62 में पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की 2-0 से जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

भारतीय क्रिकेट का इतिहास काफी दिलचस्प और हैरानी भरा है. कई भारतीय क्रिकेटरों ने अपने परफॉर्मेंस से इतिहास लिखा है। भारतीय क्रिकेट में ऐसे कई सितारे हुए हैं, जिन्होंने अपने परफॉर्मेंस से ऐसा कमाल किया है, जिसकी चर्चा आज भी होती है। ऐसा ही एक क्रिकेटर थे सलीम दुर्रानी।

सलीम दुर्रानी का जन्म अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था, लेकिन बाद में उनका परिवार कराची में जा बसा था। जब दुर्रानी केवल 8 महीने के थे तभी उनका परिवार अफगानिस्तान से कराची आ गया। बाद में जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो सलीम दुर्रानी भारत में आ गए। बता दें कि 60-70 के दशक में दुर्रानी ने अपने ऑलराउंड परफॉर्मेंस से अलग पहचान बनाई थी। भारत के क्रिकेट इतिहास में दुर्रानी एक शानदार ऑलराउंडर के तौर पर जाने जाते हैं। बता दें कि सलीम दुर्रानी पहले ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्हें अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया था। साल 1960 में दुर्रानी को अर्जुन अवार्ड का खिताब दिया गया था।

सलीम दुर्रानी का करियर

दुर्रानी ने भारत की ओर से कुल 29 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 1202 रन बनाए जिसमें 1 शतक और 7 अर्धशतक शामिल रहा, इसके अलावा 75 विकेट लेने में सफल रहे थे। उन्होंने साल 1960 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई टेस्ट में डेब्यू किया था। बता दें कि भले ही दुर्रानी का करियर बड़ा नहीं रहा लेकिन उन्होंने अपने खेल से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। दर्शकों के कहने में छक्का जमाने के लिए दुर्रानी काफी मशहूर थे। वे 60-70 दशक में आतिशी बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते थे।

दुर्रानी नहीं तो टेस्ट मैच नहीं

दुर्रानी फैन्स के बीच काफी पॉपुलर थे, इसका नजारा साल 1973 में इंग्लैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट में उनको प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया। जिसके बाद फैन्स ने मैच के दौरान साइन बोर्ड पर 'नो दुर्रानी नो टेस्ट' लिखकर इसका विरोध किया।

1964 वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट में किया कमाल

1964 के वेस्टइंडीज दौरे पर चौथे टेस्ट मैच के दौरान दुर्रानी ने अपनी बल्लेबाजी से ऐसी पारी खेली जिसकी चर्चा आज भी होती है। दरअसल पार्ट ऑफ स्पेन में खेले गए टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी की और पहली पारी में 444 रन बनाए, जिसके बाद भारतीय टीम अपनी पहली पारी में केवल 197 रन ही बना की, ऐसे में भारतीय टीम को फॉलोऑन मिला। यहां से भारतीय टीम के सामने शर्मनाक हार नजर आ रही थी। भारतीय दूसरी पारी में दुर्रानी ने कमाल किया और 104 रन बनाए और साथ ही पॉली उमरीगर (172) की पारी के कारण भारतीय टीम 422 रन बनाने में सफल रही। वेस्टइंडीज को जीत के लिए 176 रनों का लक्ष्य मिला. हालांकि वेस्टंडीज की टीम यह मैच जीतने में सफल रही लेकिन पॉली उमरीगर और दुर्रानी की पारी आज भी याद की जाती है।

खूबसूरत अभिनेत्री परवीन बाबी के साथ फिल्म में किया काम

अपने जमाने की खूबसूरत बॉलीवुड अभिनेत्री परवीन बाबी के साथ सलीम दुर्रानी ने फिल्म में भी काम किया है। 1973 में टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने के बाद दुर्रानी ने 'चरित्र' नाम फिल्म में काम किया, जिसमें उनकी हीरोइन परवीन बाबी थीं।

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