नई दिल्ली: भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन ने धार्मिक मसले को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने लगातार धर्म के नाम पर उनकी आलोचना करने वाले लोगों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि वह बॉक्सिंग रिंग में देश का प्रतिनिधित्व करती हैं। जरीन से लोग उनकी मेहतन और उपलब्धियों से ज्यादा धर्म को लेकर सवाल करते हैं। अपनी धार्मिक पृष्ठभूमि को लेकर आलोचना झेलने वाली निकहत ने कहा कि उनके लिए हिंदू-मुस्लिम मायने नहीं रखता है।
बॉक्सिंग में करियर बनाने के लिए सामाजिक पूर्वाग्रहों का सामना करने वाली 25 साल की निकहत ने एक कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि वह किसी समुदाय के लिए नहीं खेलती हैं। उनका लक्ष्य भारत के लिए खेलना और भारत के लिए जीतना है। निकहत ने कहा, ''बतौर खिलाड़ी मैं भारत का प्रतिनिधित्व करती हूं।''
निकहत ने कहा, ''मेरे लिए हिंदू या मुस्लिम मायने नहीं रखता है। मैं किसी भी समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करती हूं। मैं सिर्फ देश के लिए उतरती हूं और पदक जीतकर खुश हूं।''
निकहत ने इस मामले के अलावा खिलाड़ियों के मानसिक दवाब को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ी मानसिक दबाव से निपटने में अभी पीछे हैं। उन्हें वैश्विक टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए ट्रेनिंग की जरूरत है।
दरअसल, भारतीय खिलाड़ी छोटे-छोटे टूर्नामेंट में तो शानदार प्रदर्सन करते हैं, लेकिन ओलंपिक या वर्ल्ड जैसे बड़े टूर्नामेंट में लड़खड़ा जाते हैं। भारतीय बॉक्सर में कमी के सवाल पर निकहत ने कहा, ''हमारे खिलाड़ी बहुत ही प्रतिभाशाली हैं और हम किसी से कम नहीं हैं। हमारे पास गति, ताकत और कौशल भी है। बस मानसिक दबाव को झेलने के लिए ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।''
निकहत पिछले महीने फ्लाईवेट स्पर्धा में वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं। 28 जुलाई से बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन होगा। इसमें निकहत भाग लेंगी। दिग्गज खिलाड़ी मैरी कॉम ट्रायल में चोटिल होने के कारण इस बार टूर्नामेंट में नहीं खेल पाएंगी। ऐसे में निकहत से भारत को पदक की उम्मीदें हैं।