नई दिल्ली: एएफसी एशियन कप में भारतीय टीम की जगह पक्की हो चुकी है और लगातार दूसरी बार इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम खेलती नजर आएगी। भारतीय फुटबॉल के इतिहास में यह पहला मौका है, जब टीम इंडिया ने लगातार दूसरी बार एएफसी एशियन कप में जगह बनाई है। फिलिपींस पर फिलिस्तीन की जीत के साथ ही एएफसी एशियन कप में भारतीय टीम की जगह पक्की हो गई। इस टूर्नामेंट के क्वालीफायर राउंड में फिलिस्तीन ने फिलिपींस को 4-0 के अंतर से हरा दिया। इस हार के साथ ही फिलिपींस भारतीय टीम से पिछड़ गई और भारत का एएफसी एशियन कप में खेलना तय हो गया।
ग्रुप स्टेज में भारत का आखिरी मुकाबला हॉन्ग कॉन्ग के साथ होना है। हालांकि, इस मैच के नतीजे का असर भारत के क्वालीफिकेशन पर नहीं पड़ेगा। इसके बावजूद टीम इंडिया यह मैच जीतकर अपनी तैयारी और पुख्ता करना चाहेगी। वहीं, फीफा रैंकिग के लिहाज से भी भारतीय टीम के लिए यह मैच अहम है। भारतीय टीम सबसे पहले 1964 में एएफसी एशियन कप का हिस्सा बनी थी।
इसके बाद 1984, 2011 और 2019 में भी यह टूर्नामेंट खेला। अब लगातार दूसरी बार 2023 में भी टीम इंडिया इस टूर्नामेंट का हिस्सा बनेगी।
कैसे तय हुई टीमें?
एएफसी एशियन कप के क्वालीफाइंग राउंड में सभी टीमों को छह ग्रुप में बांटा गया था और हर ग्रुप की विजेता टीम को इस टूर्नामेंट में जगह मिली है। इसके साथ ही इन ग्रुप में दूसरे नंबर पर रहने वाली पांच टीमों को टूर्नामेंट में शामिल किया जाएगा। हर ग्रुप की उपविजेता टीम में जिसका रिकॉर्ड सबसे खराब होगा वह टीम मुख्य दौर में जगह नहीं बना पाएगी।
भारत और हॉन्ग कॉन्ग दोनों ने अफगानिस्तान और कंबोडिया को हराया है। इन दोनों टीमों के पास छह अंक हैं और दोनों के पास छह अंक हैं। हालांकि, गोल के अंतर के आधार पर हॉन्ग कॉन्ग आगे है। वहीं, फिलिस्तीन के खिलाफ हार के साथ ही फिलिपींस का सफर चार अंकों पर ही खत्म हो गया। यह टीम अपने ग्रुप में दूसरे नंबर पर रही और इसका रिकॉर्ड सबसे खराब रहा। इससे साफ है कि यही टीम मुख्य दौर में जगह नहीं बना पाएगी।
सुनील क्षेत्री के पास इतिहास रचने का मौका
इस टूर्नामेंट के क्वालीफायर के तीसरे दौर में सुनील क्षेत्री पहले ही तीन गोल कर चुके हैं। इस मैच में वो अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का 84वां गोल करना चाहेंगे। ऐसा करते ही क्षेत्री सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने के मामले में हंगरी के दिग्गज खिलाड़ी फेंस पुस्कस की बराबरी कर लेंगे।