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चेन्नई: गोला फेंक की एथलीट मनप्रीत कौर को पिछले चार सालों में किसी इवेंट में भाग नहीं लेना था लेकिन वह इस दौरान अपने प्रैक्टिस को छोड़ना नहीं चाहती थीं। मनप्रीत को 2017 में डोप टेस्ट में फेल रहने के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया था और ऐसे में प्रैक्टिस के दौरान उनके सामने कोई लक्ष्य नहीं था। इस खिलाड़ी ने हालांकि अपने साथी एथलीटों के प्रदर्शन को पैमाना बनाकर प्रैक्टिस जारी रखी।

मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में उन्होंने हालांकि 18.06 मीटर की दूरी के साथ अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड में सुधार किया। पिछला राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी उनके नाम ही था, उन्होंने 2015 में उन्होंने गोले को 17.96 मीटर की दूर फेंका था।

इस 31 साल की खिलाड़ी ने कहा, 'मेरे मन में ऐसे ख्याल आ रहे थे कि खेल को जारी रखें या छोड़ दिया जाए। मैं लगातार प्रैक्टिस कर रही थी मुझे किसी टूर्नामेंट में भाग नहीं लेने था। मेरे पास उस दौरान हासिल करने के लिए कोई लक्ष्य नहीं था।' उन्होंने कहा, 'ऐसी स्थिति में आप सिर्फ प्रैक्टिस करते है। इसमें कोई शक नहीं कि यह काफी मुश्किल होता है।'

उन्होंने ने कहा, 'पिछले कुछ टूर्नामेंट्स में यह सोचकर कुछ मानसिक दबाव था कि लोग उत्सुकता से देखेंगे कि मैं वापस आने के बाद कैसा प्रदर्शन करूंगी। इससे पहले पिछले पांच टूर्नामेंट्स में मेरा थ्रो खराब था। मैं यहां पहले से बेहतर करने आई हूं।' मनप्रीत ने हालांकि पहले भी 18 मीटर से ज्यादा का थ्रो किया है लेकिन डोपिंग टेस्ट में फेल होने के कारण उसे अवैध करार दिया गया।

उन्होंने कहा, 'मानसिक रूप से मजबूत होने और इन चीजों से बाहर आने में समय लगा, मैंने इस दौरान दूसरों की बातों को नजरअंदाज करने और दबाव को दूर करने की कोशिश की।' 2006 में जूनियर एथलीट के रूप में अपना करियर शुरू करने वाली इस खिलाड़ी ने कहा, 'लेकिन मेरे पति (पटियाला में तैनात कोच कमलजीत सिंह) और मेरे परिवार ने पूरा समर्थन दिया और मुझसे कहा कि मुझे अपने खेल को जारी रखना चाहिए और एक खुले दिमाग के साथ ट्रेनिंग पर ध्यान देना चाहिए।'

 

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