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नई दिल्ली: भारतीय पूर्व लंबी दूरी के धावक हरि चंद ने आज अंतिम सांस ली। उन्होंने एशियाई खेलों में डबल गोल्ड मेडल जीतने के साथ ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। होशियारपुर (पंजाब) के घोरेवा गांव के रहने वाले हरि उन कुछ महान दूरी के धावकों में से एक हैं जिन्हें भारत ने निर्मित किया है। मॉन्ट्रियल में 1976 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में वह 28:48.72 के समय के साथ 10,000 मीटर दौड़ में आठवें स्थान पर आए, हालांकि यह एक भारतीय एथलीट के लिए एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड था। 32 साल बाद के बाद उनके इस रिकॉर्ड को सुरेंद्र सिंह ने तोड़ा था।

इसके अलावा मास्को में 1980 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में वह 10,000 मीटर दौड़ में 10वें स्थान पर आए थे। वह 1980 के ओलिंपिक पुरुष मैराथन में भी 22वें स्थान पर आए थे।वह मॉन्ट्रियल में नंगे पैर दौड़ लगाई थी।

हरि चंद ने एशियाई चैंपियनशिप 1975 में 10 हजार मीटर में गोल्ड जीता था। वहीं 1978 एशियन गेम्स में 5000 और 10,000 मीटर दोनों में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था।

हरि चंद ने अपने करियर के दौरान 1976 और 1980 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, मगर वह इस दौरान मेडल जीतने में नाकाम रहे थे। 1976 में उन्होंने 10 हजार मीटर की दौड़ तो 1980 में मैराथन में हिस्सा लिया था।

 

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