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नई दिल्ली: भारत की उभरती हुई मुक्केबाज निकहत जरीन ने इस्तांबुल में विश्व महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में थाईलैंड की जिटपॉग जुतामास को 5-0 से एकतरफा हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया है। निखत ने यह स्वर्ण पदक 52 किग्रा भार वर्ग (प्लाई वेट) में जीता है। वह यह कारनामा करने वाली पांचवीं भारतीय महिला बॉक्सर बन गयी हैं। फाइनल बाउट में जजों ने 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 से भारतीय मुक्केबाज के पक्ष में वोट किया। फाइनल में शानदार जीत के साथ ही जरीन ने इस टूर्नामेंट में अपने हर मुकाबले सर्वसम्मति के साथ जीते हैं, जो उनके दबदबे को दर्शाता है। ये मैरी कॉम द्वारा साल 2008 में जीते गोल्ड के बाद भारत का पहला स्वर्ण पदक भी है। वहीं इस टूर्नामेंट के इतिहास में यह भारत का 10वा गोल्ड मेडल है।

जूनियर विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप की विजेता रह चुकी जरीन ने इससे पहले सेमीफाइनल मुकाबले में ब्राजील की कैरोलिन डि एलमेडा को दबदबा बनाते हुए 5-0 से हराकर फाइनल का टिकट कटाया था।

निकहत से पहले मैरी कॉम ने रिकॉर्ड 6 बार (2002, 2005, 2006, 2008, 2010, 2018) विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। इसके अलावा सरिता देवी (2006), जेनी आर.एल (2006) और लेखा के.सी (2006) ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने का कारनामा किया है।

निकहत की जीत के साथ भारत ने इस टूर्नामेंट का समापन एक गोल्ड और दो ब्रॉन्ज मेडल के साथ किया। मनिषा मौन ने 57 किलो भार वर्ग और प्रवीण हुड्डा ने 63 किलो भार वर्ग में भारत को कांस्य पदक दिलाया।

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