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बेंगलुरु: दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक एबी डिविलियर्स ने अपने करियर में बहुत कम फाइनल खेले हैं और अब वह आईपीएल में फाइनल का हिस्सा बनने को बहुत बड़ा सम्मान मानते हैं। डिविलियर्स की नाबाद 79 रन की पारी की मदद से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने आईपीएल के पहले क्वालीफायर में कल रात यहां गुजरात लायन्स को चार विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनायी। इस दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आईपीएल फाइनल में पहुंचना मेरे लिये काफी मायने रखता है क्योंकि मैंने अपने करियर में बहुत अधिक फाइनल नहीं खेले हैं। मैं पिछले छह साल से आरसीबी के लिये खेल रहा हूं लेकिन हमने अधिक फाइनल नहीं खेले हैं। इस शानदार फ्रेंचाइजी के साथ फाइनल में पहुंचना बहुत बड़ा सम्मान है।’ उन्होंने कहा, ‘कई लोग कह रहे हैं कि हम अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाये हैं लेकिन इस तरह के क्षण चीजों को सार्थक बनाते हैं। पिछले कुछ वषरें से हमारी टीम का जज्बा देखने लायक है और हमने अच्छी क्रिकेट खेली है। लेकिन हम फाइनल का आनंद नहीं उठा पाये और उम्मीद है कि इस बार हमें जीत मिलेगी लेकिन हम यह भी नहीं जानते कि आगे क्या होगा।’

आरसीबी ने 159 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट कोहली सहित चोटी के पांच बल्लेबाज 29 रन पर गंवा दिये थे। धवल कुलकर्णी ने इनमें से चार विकेट लिये। डिविलियर्स ने यहां से बेहतरीन पारी खेली और अपनी टीम को 18.2 ओवर में जीत दिलायी। क्वालीफायर्स में जीत के बाद में डिविलियर्स ने कहा, ‘कुलकर्णी ने बहुत अच्छा स्पैल किया और उसे काफी श्रेय जाता है। उसने असल में मैच लायन्स के पक्ष में कर दिया था।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन जैसे जहीर खान (आरसीबी में उनका पूर्व साथी) हमेशा मेरे से कहता रहा है कि यह बहुत मजेदार प्रारूप है जिसमें आप कभी बाहर नहीं होते हो। इसलिए हमें जीत का विश्वास था। पावरप्ले में उन्होंने एक तरह से मैच जीत लिया था लेकिन हमने हार नहीं मानी और संघर्ष जारी रखा।’ डिविलियर्स ने पूछा गया कि क्या उनकी 79 रन की पारी आईपीएल करियर की उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी है तो उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैं आंकड़ों की कभी परवाह नहीं करता। मैं अपने शतक और अर्धशतक के बारे में कभी नहीं सोचता। मेरे लिये टीम को लक्ष्य तक पहुंचाना और जीत दिलाना महत्वपूर्ण है। इसलिए मैं इस खेल को खेलता हूं।’ उन्होंने कहा कि पांच विकेट 29 रन पर गंवाने के बाद उन्हें लगा कि यदि टीम को जीत दिलानी है तो साझेदारियां निभानी होंगी। उन्होंने इकबाल अब्दुल्ला की भी प्रशंसा की जिनके साथ उन्होंने 91 रन की अटूट साझेदारी की। डिविलियर्स ने कहा, ‘मैंने उससे बात करने की योजना बनायी थी लेकिन उसने शांतचित होकर बल्लेबाजी की। ईमानदारी से कहूं तो मुझे उससे बात करने की जरूरत नहीं पड़ी। यह शानदार साझेदारी रही।’

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