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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज (सोमवार) स्पष्ट किया कि सभी राज्य क्रिकेट संघों को मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग आरोपों के चलते बीसीसीआई में ढांचागत सुधारों पर बनी न्यायमूर्ति आरएम लोढा नीत समिति की सिफारिशों का ‘‘पालन’’ करना होगा। प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘बीसीसीआई में एक बार सुधार होता है तो यह सबमें होगा और अगर सभी क्रिकेट संघ इससे जुड़े रहना चाहते हैं तो उन्हें खुद में सुधार लाना होगा। मैच फिक्सिंग और स्पाट फिक्सिंग आरोपों के चलते समिति का गठन गंभीर कवायद का हिस्सा थी हलकी बात नहीं।’’ पीठ ने कहा कि बीसीसीआई में सुधार की सिफारिशें विशेषज्ञों की समिति ने पक्षों के साथ गहन विचार विमर्श के साथ की और निष्कर्ष को ‘‘केवल सिफारिशें’’ नहीं कहा जा सकता। इस पीठ में न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला भी शामिल थे। पीठ ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर आपत्ति जताने वाले हरियाणा क्रिकेट संघ से कहा, ‘‘अगर हम कहते हैं कि इन्हें लागू करना है तो यह केवल सिफारिशें नहीं रहेंगी। इन्हें सिफारिशें इसलिए कहा गया है क्योंकि समिति के कुछ निष्कर्ष विचार विमर्श के समय ही बीसीसीआई द्वारा लागू कर दिये गये और कुछ को लागू नहीं किया गया है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हम इस विषय की सुनवाई कर रहे हैं क्यांेकि हम देख रहे हैं कि जो सिफारिशें लागू नहीं हुई हैं वे लागू की जा सकती हैं या नहीं।’’

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