कराची: पाकिस्तान के आईसीसी विश्व टी20 में लचर प्रदर्शन के लिये आलोचनाएं झेल रहे शाहिद अफरीदी ने रविवार को कप्तानी से इस्तीफा दे दिया लेकिन वह खेल के सबसे छोटे प्रारूप में खेलना जारी रखेंगे। अफरीदी की अगुवाई वाली टीम भारत में विश्व टी20 के सेमीफाइनल में पहुंचने में नाकाम रही थी। इस बीच उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिये भी आलोचनाएं झेलनी पड़ी थी। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और इस 36 वर्षीय हरफनमौला खिलाड़ी ने संकेत दे दिये थे कि विश्व टी20 कप्तान के रूप में यह उनका आखिरी टूर्नामेंट हो सकता है। अफरीदी ने ट्विटर पर जारी बयान में कहा, 'आज मैं पाकिस्तान और दुनिया भर में अपने प्रशंसकों को सूचित करना चाहता हूं कि मैं अपनी मर्जी से पाकिस्तान टी20 टीम की कप्तानी छोड़ रहा हूं। आज के दिन में खुदा का शुक्रगुजार हूं कि जिनकी बदौलत मैं अपनी मातृभूमि के सम्मान और प्रतिष्ठा के लिये कप्तानी के अपने कर्तव्यों को निभाने में सफल रहा। मेरे लिये खेल के तीनों प्रारूपों में देश का नेतृत्व करना बड़ा सम्मान है।'
अफरीदी ने हालांकि साफ किया कि वह एक खिलाड़ी के रूप में टीम में चयन के लिये उपलब्ध रहेंगे हालांकि पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान ने स्पष्ट किया कि इस हरफनमौला की टीम में जगह पक्की नहीं है। इस सदाबहार क्रिकेटर ने अपने करियर में पाकिस्तान की तरफ से 27 टेस्ट मैचों में 1716 रन बनाये और 48 विकेट लिये। उन्होंने 2010 में टेस्ट मैचों से संन्यास ले लिया था। उन्होंने 398 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जिनमें 8064 रन के बनाने के अलावा 395 विकेट भी लिये। वह अब तक 98 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं और उनके नाम पर 1405 रन के अलावा 97 विकेट भी शामिल हैं। विश्व टी20 के दौरान अफरीदी विवादों में भी फंस गये थे पहले उन्होंने यह बयान दिया कि उनके खिलाड़ियों को पाकिस्तान के बजाय भारत में अधिक प्यार मिलता है जिसकी पाकिस्तान में कड़ी आलोचना की गई। बाद में पाकिस्तान ने ग्रुप चरण के तीन मैच गंवा बैठा जिनमें भारत के खिलाफ खेला गया मैच भी शामिल था। इससे वह टूर्नामेंट से बाहर हो गया। उन्होंने मोहाली में टीम की हौसला अफजाई के लिये विशेषतौर पर कश्मीरी लोगों का आभार व्यक्त करके विवाद खड़ा कर दिया था। उनके इस बयान की बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने कड़ी आलोचना की थी।