रांची: भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने न्यूजीलैंड से चौथे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में हार के लिये बल्लेबाजों को जिम्मेदार ठहराते हुए आज यहां कहा कि यदि कुछ विकेट बचे होते तो टीम लक्ष्य हासिल कर लेती। भारत के सामने 261 रन का लक्ष्य था लेकिन उसने नियमित अंतराल में विकेट गंवाये और आखिर में उसकी टीम 241 रन पर आउट हो गयी और उसे 19 रन से हार का सामना करना पड़ा। धोनी ने कहा कि दिल्ली में खेले गये दूसरे वनडे की तरह टीम को विकेट गंवाने का खामियाजा भुगतना पड़ा। धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘मुझे लगता है कि यदि हमारे विकेट बचे होते तो हम 260 रन (261) का लक्ष्य हासिल कर सकते थे। यह भी दिल्ली जैसा मैच ही था जहां हमने लगातार विकेट गंवाये थे।’ उन्होंने कहा, ‘यह विकेट शाम को बल्लेबाजी करने के लिये काफी अच्छा था और मैच आगे बढ़ने के साथ धीमा होता जा रहा था। दूधिया रोशनी में नयी गेंद तब भी बल्ले पर आ रही थी लेकिन गेंद पुरानी होने के साथ बल्लेबाजी करना आसान नहीं रहा।’ धोनी ने अक्षर पटेल को पांचवें नंबर पर उतारा जबकि मनीष पांडे छठे और केदार जाधव सातवें नंबर पर आये। इनमें पटेल ही कुछ रन बनाने में सफल रहे। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘बल्लेबाजी लाइनअप में पांचवें और छठे नंबर के बल्लेबाज नये हैं। उन्हें खुद ही सीखना होगा। किसी को लंबे शाट खेलने होंगे तो किसी को पारी संवारनी होगी। एक बार जब वे 15 से 20 मैच खेल लेंगे तो उन्हें पता चल जाएगा कि क्या करना है। क्रिकेट बदल गया है, लोग बड़े शाट देखना चाहते हैं।’
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने कहा कि इस पिच पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं था और इसलिए 260 रन का स्कोर बुरा नहीं था। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं और मुझे अपनी टीम पर गर्व है। हम साझेदारियां निभाना चाहते थे। यह आसान पिच नहीं थी। आप हमेशा बड़ा स्कोर चाहते हो लेकिन इस पिच पर 260 रन का स्कोर बुरा नहीं था। ओस नहीं पड़ी और इससे शायद हमें फायदा मिला।’ विलियमसन ने कहा, ‘एंडरसन और ल्यूक रोंकी को बाहर करना कड़ा फैसला था। हम अलग अलग तरह की पिचों पर खेल रहे हैं और इसलिए चयन प्रभावित होता है। इसके अलावा यह लंबा दौरा रहा। श्रृंखला 2-2 से बराबर होने से रोमांचक बन गयी है। भारत शानदार टीम है और बराबरी के साथ आखिरी मैच में उतरना रोमांचक होगा।’ खराब फार्म से वापसी करने वाले मार्टिन गुप्टिल को उनकी अर्धशतकीय पारी के लिये मैन आफ द मैच चुना गया। उन्होंने कहा, ‘यह वास्तव में बहुत अच्छा अहसास है। खुद अच्छा प्रदर्शन करना और टीम को बेहतर स्कोर तक पहुंचाना संतोषजनक रहा। हमें लग रहा था कि हमें और स्कोर बनाना चाहिए था लेकिन इस स्कोर का बचाव किया जा सकता था। हमारे गेंदबाजों की जिम्मेदारी थी कि वे इसका बचाव करें और वे इसमें सफल रहें। विराट शानदार खिलाड़ी है और उसे जल्दी आउट करना महत्वपूर्ण रहा।’