नई दिल्ली: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों को जारी कर दिया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, तीसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 4.4 फीसद रिकॉर्ड की गई है। आरबीआई ने भी इतनी ही ग्रोथ का अनुमान जारी किया था।
दिसंबर 2022 तिमाही के जीडीपी आंकड़ों की तुलना पिछली जुलाई-सिंतबर तिमाही 2022 से करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने बहुत-सी चुनौतियां नजर आती हैं। आपको बता दें कि जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जबकि अप्रैल-जून तिमाही (क्यू1) में भारत की वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत आंकी गई थी। यह बात ध्यान देने वाली है कि जून 2022 तिमाही में जीडीपी में इतनी अधिक उछाल लो-बेस के चलते थी।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एफवाई 2022-23 के लिए जीडीपी का दूसरा अग्रिम अनुमान भी जारी कर दिया है।
आज सरकार द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 7 प्रतिशत रह सकती है। जनवरी में जारी किए गए पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, जीडीपी वृद्धि को 2022-23 के लिए 7 प्रतिशत पर आंका गया था।
दो अनुमानों के बीच महत्वपूर्ण अंतर यह है कि एसईईएस (दूसरे अग्रिम अनुमान) की गणना तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) के लिए जीडीपी डेटा को शामिल करके की गई है। भारत की अर्थव्यवस्था सितंबर की तिमाही में साल-दर-साल 6.3% बढ़ी थी।
2021-22 के अनुमान संशोधित
इसके साथ ही सरकार ने एफवाई2021-22 के भारत के आर्थिक विकास के संशोधित अनुमान भी जारी कर दिए गए हैं। एनएसओ ने 2021-22 के लिए जीडीपी के 8.7 प्रतिशत के पहले के अनुमान को संशोधित कर 9.1 प्रतिशत कर दिया है। मई 2022 में मंत्रालय द्वारा इसके 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक ने तीसरी और चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी के क्रमशः 4.4 प्रतिशत और 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। एशियाई विकास बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7 प्रतिशत कर दिया है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 23 में देश की वृद्धि दर के 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।