ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से कई देशों की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। केंद्र सरकार जनता को राहत देने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। अब वित्त मंत्रालय ने सभी पॉलिसी धारकों को राहत देते हुए बीमा का प्रीमियम भरने अथवा पॉलिसी रिन्यू कराने को लेकर राहत दी है। वित्त मंत्रालय के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, 'कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से जिन पॉलिसी धारकों की स्वास्थ्य और मोटर (थर्ड पार्टी) बीमा पॉलिसी रिन्यू नहीं हो पाई है, उनकी मुश्किलों को कम करते हुए सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके अनुसार, सभी पॉलिसी धारक 15 मई या इससे पहले भुगतान करके अपनी पॉलिसी रिन्यू कर सकते हैं।'

बता दें कि उद्योग जगत ने 20 अप्रैल से उद्योग को चुने हुए कोरोना फ्री इलाकों में सीमित राहत का स्वागत किया है। लेकिन एसोचेम ने कहा है कि लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को प्रति दिन 26,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अंदेशा है। अब उद्योग जगत की मांग है कि सरकार बिजनेस को हुए लाखों करोड़ के नुकसान के लिए एक रिलीफ और इकानोमिक स्टिमुलस पैकेज लेकर आए।

एसोचेम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ निरंजन हीरानंदानी ने एक बयान जारी कर बुधवार को कहा कि लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को रोज 26,000 करोड़ के नुकसान की आशंका है। ऐसे में लॉकडाउन से छूट एक सही फैसला है। कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को साइट पर रखना मुश्किल होता जा रहा था। उद्योग जगत की मांग है कि उसे जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए सरकार एक राहत पैकेज लेकर आए।

फिक्की की अध्यक्ष डॉ संगीता रेड्डी ने एक बयान जारी कर कहा, 'अब ये जरूरी होगा कि सरकार एक राहत और आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करे जिससे रोजगार और कारोबार की सुरक्षा बहाल रखी जा सके।'

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख