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जमशेदपुर: कोरोना से लड़ाई के लिए टाटा ग्रुप ने सरकार को दिए 1500 करोड़कोरोना से लड़ाई में टाटा ग्रुप ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए सरकार को 1500 करोड़ रुपए का सहयोग किया है। इसमें से 500 करोड़ रुपए टाटा ट्रस्ट और 1000 करोड़ रुपए टाटा संस की ओर से दिए गए हैं। टाटा ट्रस्ट और टाटा संस की ओर से जारी रिलीज में कहा गया कि भारत और पूरी दुनिया में स्थिति गंभीर हो चुकी है और इस वक्त तुरंत कार्यवाही करना जरूरी है। टाटा ट्रस्ट और टाटा ग्रुप की कंपनियों ने इसके पहले भी देश की मदद की है। अभी समय की जरूरत अन्य किसी भी जरूरत से बड़ी है। टाटा ग्रुप सभी प्रभावित समुदायों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिज्ञा को जारी रखते हुए 1500 करोड़ रुपए की मदद कर रहा है। इस राहत राशि की घोषणा टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन एन टाटा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने की है।

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान में कहा कि समूह जरूरी वेंटिलेटर का इंतजाम भी कर रहा है और जल्द ही भारत में भी इसका निर्माण करने की तैयारी कर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में कोविड-19 के प्रकोप से मौजूदा स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसके लिए हमारी तरफ से बहुत बड़े स्तर की कार्रवाई की आवश्यकता है।

कोविड-19 महामारी को रोकने और इससे संबंधित गतिविधियों के लिए 1,000 करोड़ रुपए की सहायता की घोषणा करते हुए चंद्रशेखरन ने कहा कि हम टाटा ट्रस्ट और हमारे एमेरिटस अध्यक्ष टाटा के साथ मिलकर काम करेंगे और पूरी तरह से उनकी पहल का समर्थन करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि टाटा ट्रस्ट की पहलों के अलावा हम आवश्यक वेंटिलेटर भी ला रहे हैं और भारत में भी इनका जल्द निर्माण करेंगे। देश एक अभूतपूर्व स्थिति और संकट का सामना कर रहा है। हम सभी को जो जरूरी हो, वह करना होगा।

इससे पहले टाटा ट्रस्ट ने एक बयान में कहा कि वह 500 करोड़ रुपए देगा, जिसका इस्तेमाल संक्रमित रोगियों के इलाज, ज्ञान प्रबंधन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए भी किया जाएगा। टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन टाटा ने कहा कि भारत और दुनिया भर में मौजूदा स्थिति बेहद चिंताजनक है और इस बारे में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि इस असाधारण कठिन समय में मेरा मानना ​​है कि कोविड-19 संकट से लड़ने के लिए तुरंत आपातकालीन संसाधनों को तैनात करने की जरूरत है, जो मानव जाति के सामने सबसे कठिन चुनौतियों में से एक है। टाटा ने कहा कि जिस संगठनों के सदस्यों ने इस महामारी से लड़ने के लिए अपनी जान और सुरक्षा को जोखिम में डाल दिया है, हम उनके बेहद आभारी हैं और उनके प्रति अत्यंत सम्मान है।

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