नई दिल्ली: देश के दिग्गज कोराबारी रतन टाटा ने कोरोना के खिलाफ जंग में 500 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। शनिवार को खुद रतन टाटा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टाटा ट्रस्ट 'कोरोना के खिलाफ युद्ध' में 500 करोड़ रुपये की मदद देगा। इस फंड का इस्तेमाल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सुरक्षा उपकरण, रेस्पिरेटरी सिस्टम, टेस्टिंग किट्स खरीदने, संक्रमित व्यक्तियों के लिए मॉड्यूलर उपचार सुविधा विकसित करने, स्वास्थ्यकर्मियों और आम लोगों की ट्रेनिंग के लिए किया जाएगा।
रतन टाटा ने कहा, 'कोविड-19 संकट से लड़ने के लिए आपातकालीन संसाधनों की तुरंत आवश्यकता है।' टाटा ने ट्वीट किया, 'कोविड 19 संकट उन सबसे मुश्किल चुनौतियों में से एक है जिसका हमारी पीढ़ी सामना करेगी। टाटा ट्रस्ट और टाटा ग्रुप की कंपनीज पहले भी देश की जरूरतों के लिए आगे आई हैं। इस समय इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।' उन्होंने कहा कि टाटा ट्रस्ट, टाटा संस और टाटा ग्रुप की कंपनियां कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में स्थानीय, वैश्विक साझेदारों और सरकार के साथ ऐसे प्लैटफॉर्म पर काम कर रही है जो निचले तबके तक पहुंचेगा।
टाटा ने एक बयान में कहा, 'हम संगठन के उन सभी लोगों के लिए बहुत कृतज्ञ हैं और सम्मान करते हैं, जिन्होंने इस महामारी से लड़ने के लिए अपनी जिंदगी का जोखिम लिया है।' सरकार ने हाल ही में कंपनियों को इस बात की अनुमति दी है कि वे सीएसआर के तहत फंड कोविड-19 के खिलाफ जंग में कर सकती हैं। भारतीय कंपनियां सीएसआर के तहत सालाना करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च करती हैं।
नियम के मुताबिक, 500 करोड़ रुपये के नेटवर्थ या 1000 करोड़ रुपये के रेवेन्यू या 5 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को शुद्ध मुनाफे का 2 पर्सेंट सीएसआर के तहत खर्च करना होता है। यदि वे ऐसा नहीं कर पाती हैं तो उन्हें इसका ब्योरा देना होता है।