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नई दिल्ली: खुदरा मुद्रास्फीति दर दिसंबर 2019 महीने में बढ़कर 7.35 फीसदी रही जबकि यह नवंबर 2019 महीने में यह 5.54 फीसदी थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने ये आंकड़े जारी किए हैं। यह रिटेल महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संतोषजनक स्तर से कहीं अधिक है। महंगाई दर में यह बढ़ोतरी सब्जियों और खाने पीने की वस्तुओं के दाम बढ़ने के कारण दिख रहा है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति में उछाल आया है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर, 2019 में 5.54 प्रतिशत और दिसंबर, 2018 में 2.11 प्रतिशत के स्तर पर थी। आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थ मुद्रास्फीति दर दिसंबर महीने में 14.12 फीसदी रही जो कि बीते महीने 10.1 फीसदी थी। आम लोगों को दिसंबर महीने में महंगाई ने सबसे ज्यादा परेशान किया है। खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर माह में बढ़कर 5.54 प्रतिशत थी और यह अक्टूबर 2019 में 4.62 प्रतिशत पर थी। खाने पीने की वस्तुओं के दाम चढ़ने से नवंबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 5.54 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका तीन साल का उच्चस्तर था।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 14.12 प्रतिशत पर पहुंच गई। दिसंबर, 2018 में यह शून्य से 2.65 प्रतिशत नीचे थी। नवंबर, 2019 में यह 10.01 प्रतिशत पर थी। केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है। अब यह केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से कहीं अधिक हो गई है।

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