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नई दिल्ली: रेलवे ने 50 से अधिक उम्र वाले 32 अधिकारियों को समयपूर्व सेवानिवृत्त दे दी है। रेलवे के मुताबिक सामयिक समीक्षा के दौरान काम को लेकर इनकी अक्षमता, संदिग्ध निष्ठा और अनुपयुक्त आचरण पाए जाने के चलते जनहित में यह कड़ा फैसला लिया गया है।

जबरन रिटायर करने का दूसरा मामला

रेलवे के हालिया इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ है। इससे पहले 2016-17 में रेलवे ने अपने चार अधिकारियों को स्थायी रूप से समयपूर्व सेवानिवृत्त कर दिया था। अधिकारियों के मुताबिक निश्चित आयु वाले कर्मचारियों की समय-समय पर समीक्षा किया जाना सरकारी नियमों का हिस्सा है, लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है कि किसी को समयपूर्व सेवानिवृत्त कर दिया जाए। आयकर विभाग के 106 अधिकारी हो चुके हैं रिटायर 26 नवंबर को सरकार ने नियम 56(जे) का इस्तेमाल करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) में कार्यरत ग्रुप बी के 21 अधिकारियों को नौकरी से हटाया था। जून से लेकर के अभी तक यह पांचवां मौका है।

सरकार आयकर विभाग के कुल 106 लोगों को हटा चुकी है, जिसमें 64 अधिकारी थे।

इससे पहले सितंबर में सरकार ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड व कस्टम (सीबीआईसी) के अधिकारियों को पद से हटाया था।

इन शहरों में कार्यरत थे अधिकारी

जिन 21 आयकर अधिकारियों को हाल ही में हटाया गया था वो अलग-अलग शहरों में कार्यरत थे। इनमें से तीन सीबीडीटी के मुंबई कार्यालय और दो ठाणे में कार्यरत थे। इसके अलावा विशाखापट्टनम, हैदराबाद, राजामुंद्री, हजारीबाग, नागपुर, राजकोट, जोधपुर, माधोपुर, बीकानेर, भोपाल और इंदौर में कार्यरत अधिकारियों के साथ ऐसा किया गया है।

इनमें से एक अधिकारी को सीबीआई ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। वहीं एक अधिकारी के बैंक लॉकर में 20 लाख रुपये मिले थे। ठाणे के एक अधिकारी के पास 40 लाख की संपत्ति मिली थी।

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