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नई दिल्ली: आर्थिक मंदी पर आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार ने कंपनियों के लिए बड़ा एलान किया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का ऐलान किय है। जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम आज घरेलू कंपनियों और नई घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दरों को कम करने का प्रस्ताव देते हैं। इस नए एलान के मुताबिक, कंपनियों के लिए नया कॉरपोरेट टैक्स दर 25.17 प्रतिशत तय हुआ है। इसके अलावा कंपनियों को कोई और टैक्स नहीं देना होगा।

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अध्यादेश लाकर घरेलू कंपनियों, नयी स्थानीय विनिर्माण कंपनियों के लिये कॉरपोरेट कर कम करने का प्रस्ताव दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यदि कोई घरेलू कंपनी किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं ले तो उसके पास 22 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जो कंपनियां 22 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प चुन रही हैं, उन्हें न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी।

उन्होंने कहा, अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर 25.17 प्रतिशत होगी। साथ ही एक अक्टूबर के बाद बनी नयी घरेलू विनिर्माण कंपनियां बिना किसी प्रोत्साहन के 15 प्रतिशत की दर से आयकर भुगतान कर सकती हैं।

उन्होंने कहा कि नयी विनिर्माण कंपनियों के लिये सभी अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर 17.01 प्रतिशत होगी। जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रतिभूति लेन-देन कर की देनदारी वाली कंपनियों के शेयरों की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर बजट में प्रस्तावित अतिरिक्त अधिशेष लागू नहीं होगा।

साथ ही उन्होंने कहा कि एफपीआई के पास मौजूद डेरिवेटिव समेत किसी भी प्रतिभूति की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर धनाढ्य उपकर नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा पांच जुलाई से पहले करने वाली कंपनियों पर कर नहीं लगेगा। कॉरपोरेट कर की दर घटाने से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है। वित्त मंत्री ने कहा कि कर छूट से मेक इन इडिया‍ में निवेश आएगा, रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, इससे राजस्व बढ़ेगा। बता दें कि आज जीएसटी काउंसिल की बैठक है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की गोवा में यह 37वीं बैठक है। इसमें सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में छह साल के न्यूनतम सतर 5 प्रतिशत पर आ गयी है। आर्थिक नरमी के बीच बिस्कुट, होटल और रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों समेत कई उद्योग जीएसटी दरों में कटौती की मांग कर रहे हैं।

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की मांग के पीछे दलील यह दी जा रही है कि इससे खपत और घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि कई राज्यों का मानना है कि इस समय जीएसटी दर में कटौती की अनुमति कर के लिहाज से बुद्धिमानी भरा निर्णय नहीं होगा। उनका कहना है कि क्षतिपूर्ति उपकर कोष में राशि घट गयी है। जीएसटी कानून के तहत इस राशि का उपयोग राज्यों के राजस्व के लक्षित वृद्धि दर से नीचे जाने पर उनकी क्षतिपूर्ति के लिये किया जाता है।

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