नई दिल्ली: सहारा सेबी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सात सितंबर तक 1500 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एम्बी वैली प्रॉपर्टी को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। कोर्ट ने एम्बी वैली की नीलामी के लिए आफिशियल लिक्विडेटर के प्लान पर मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले बकाया पैसे जमा हों उसके बाद हम देखेंगे कि निवेशक को पैसा आपके कहे मुताबिक मिला था या नहीं। हम यह भी देखेंगे कि वे निवेशक थे, काल्पनिक थे या चांद से आए थे। इस मामले में अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की उस दलील को ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने बकाया 9017 करोड़ चुकाने के लिए डेढ़ साल का समय मांगा था। सहारा सेबी मामले में पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि उसके 552.21 करोड़ रुपये के चेक का धन 15 जुलाई तक प्राप्त हो जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस चेक के भुनाने की अवधि 15 जुलाई से आगे बढ़ाने का सुब्रत राय का अनुरोध ठुकरा दिया था। इससे पहले सुब्रत राय ने कोर्ट से कहा था कि वह 15 जून से पहले 1500 करोड़ रुपये का भुगतान कर देंगे और 552.22 करोड़ रुपये का भुगतान इसके ठीक एक महीने बाद करेंगे।
हालांकि उन्होंने 15 जून तक 790.18 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने उन्हें 709.82 करोड़ रुपये का भुगतान 4 जुलाई तक करने का समय दिया था। सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि सहारा ने 1500.40 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं और अब 24,000 करोड़ रुपये के मूलधन में से उसे 9000 करोड़ रुपये का भुगतान और करना है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह 552.21 करोड़ रुपए जमा कराने की समय सीमा 15 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाएगा। साथ ही उसने चेतावनी भी दी कि यदि चेक की राशि का भुगतान नहीं हुआ तो उचित कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने सहारा की एम्बी वैली में संपत्तियों की नीलामी के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट के आधिकारिक लिक्विडेटर (परिसमापक) विनोद शर्मा द्वारा तैयार किया गया मसौदा और इसके लिए शर्तों को भी स्वीकार कर लिया।