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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: उद्योग मंडल एसोचैम ने जीएसटी का कार्यान्वयन टालने की मांग की है क्योंकि इसके लिए उपयोग में लाया जाने वाला सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) तंत्र अभी तैयार नहीं है और करदाताओं को इस नयी कर व्यवस्था के प्रावधान अपनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखे एक पत्र में एसोचैम ने कहा कि मौजूदा करदाताओं ने अभी तक स्वयं को जीएसटीएन पोर्टल पर पंजीकृत नहीं कराया है। इसके पीछे प्रमुख वजह इस प्रणाली के बारे में उन्हें बहुत ज्यादा जानकारी न होना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान करदाताओं के जीएसटी पर स्थानांतरण के मौजूदा चरण में सर्वर लगातार रखरखाव की स्थिति में बना हुआ है। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि कई सवाल है जैसे कि सूचना प्रौद्योगिकी तंत्र का उपयुक्त परीक्षण किया गया है या क्या यह तंत्र उस समय भी काम कर सकेगा जब जीएसटी में पंजीकरण का दूसरा दौर चलेगा क्योंकि उस समय इस पर बहुत ट्रैफिक होगा। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में 80 लाख उत्पाद शुल्क, सेवाकर और वैट करदाता हैं जिसमें से करीब 64.35 लाख करदाता जीएसटी नेटवर्क पर स्थानांतरण कर चुके हैं। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) जीएसटी प्रणाली के लिए सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा उपलब्ध कराने वाली कंपनी है।

इस प्रणाली पर स्थानांतरण के लिए पहला चरण 15 जून को बंद हो गया और अब यह 25 जून को दोबारा खुलेगा। एसोचैम का कहना है कि जीएसटीएन की तैयारियों में कमी को देखते हुए एक जुलाई से जीएसटी को लागू करना मुश्किल काम है और हमें लगता है कि इसे लागू करने की तारीख आगे बढ़ायी जानी चाहिए।

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