नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब किसानों को अल्पावधि फसली कर्ज सात प्रतिशत की सस्ती दर पर मिलता रहेगा, जो किसान नियमित रूप से सही समय पर अपने कर्ज का भुगतान करते हैं उन्हें चार प्रतिशत की घटी दर पर यह लोन उपलब्ध होगा। किसानों को फसल के लिये सस्ता कर्ज मिलता रहे इसके लिये कैबिनेट ने 20,339 करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दे दी है।किसानों को फसल कटाई के बाद अपनी उपज के भंडारण के लिये भी सात प्रतिशत की सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध होगा। यह व्यवस्था छह माह के लिये होगी। कृषिऋण नौ प्रतिशत की दर पर मिलता है। सरकार की योजना के तहत किसनों के फसली ऋण पर दो प्रतिश ब्याज सहायता दी जाएगी और यह सहायता तीन लाख रुपये तक के फसली ऋण पर उपलब्ध होगी। इतना ही नहीं तीन लाख रुपये से ऊपर के कर्ज का समय पर भुगतान करने वाले किसानों को तीन प्रतिशत की अतिरिक्त सहायता भी दी जाती है,जिसके बाद मात्र चार प्रतिशत की दर पर फसल ऋण उपलब्ध होता है। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिये सरकार ने उनकी पुनर्गठित कर्ज राशि पर पहले साल के ब्याज पर दो प्रतिशत ब्याज सहायता देने का फैसला किया है।
सरकार की तरफ से यह ब्याज सहायता सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उस स्थिति में दी जायेगी जब वह अपने धन का इस्तेमाल करते हुए ब्याज सहायता उपलब्ध कराएंगे। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों को सस्ती राशि उपलब्ध कराने पर नाबार्ड को पुनवर्ति सुविधा के तौर पर राशि उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार ने कहा है कि सस्ते कर्ज का अल्पकालिक फसली ऋण चालू वित्त वर्ष से आधार से जुड़ा होगा। सरकार ने वर्ष 2017-18 के दौरान कृषि ऋण के लिये दस लाख रुपये का लक्ष्य तय किया है। पिछले साल यह लक्ष्य नौ लाख करोड़ रुपये था। ये सभी फैसले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्ष्यता में बुधवार को दिल्ली में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए। बैठक के बाद जारी आधिकारिक प्रेस नोट में यह जानकारी देते हुये कहा गया है, मंत्रिमंडल ने 2017—18 के लिए ब्याज सहायता योजना को मंजूरी दे दी है।