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नई दिल्ली: फंसे हुए कर्जो की समस्या से परेशान सरकार ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) शीर्ष बकाएदारों की सूची तैयार करने के अंतिम चरण में है, जिनको कर्ज नहीं चुकाने पर दिवालिया घोषित किया जाएगा। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (फंसे हुए कर्जे) के मामले की समीक्षा बैठक के बाद कहा कि आरबीआई जल्द ही इस संबंध में बकाएदारों की सूची जारी करेगा, जिन पर दिवालियापन प्रक्रिया (आईबीसी) के तहत कार्रवाई की जाएगी। आरबीआई ने एनपीए से निपटने के लिए एक समिति गठित की है। उन्होंने कहा कि आईबीसी के तहत 81 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 18 मामले वित्तीय लेनदारों के हैं। इन्हें नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) को भेज दिया गया है। ज्यादा फंसे हुए कर्ज (एनपीए) या तो बैंकों के समूह द्वारा या फिर एकाधिक बैंकिंग व्यवस्था द्वारा दिए गए हैं। इसलिए इन फंसे हुए कर्जों का मामला तेजी से हल करने की जरूरत है।

बैठक में मौजूद एस. एस. मुद्रा ने कहा कि आरबीआई विभिन्न बैंकों से उनके शीर्ष ऋण डिफाल्टरों की जानकारी ले रही है।

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