नई दिल्ली: आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल ने कहा है कि कृषि कर्ज माफी से राजकोषीय स्थिति पर दबाव बढ़ सकता है और राजकोषीय घाटे को लेकर पिछले दो साल में जो काम किया गया यह उसे बेकार कर देगा। रिजर्व बैंक ने कृषि कर्ज माफी के कारण राजकोषीय स्थिति में गिरावट आने की आशंका को लेकर चिंता जताई है। वहीं रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर (रेपो-रिवर्स रेपो रेट) में आज कोई बदलाव नहीं किया। केंद्रीय बैंक ने एसएलआर में 0.5 प्रतिशत कटौती की है। केंद्रीय बैंक ने एसएलआर घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया। एसएलआर के तहत बैंकों को निर्धारित हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों में लगाना होता है। शीर्ष बैंक के इस कदम से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अधिक नकदी बचेगी। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक बढ़ोत्तरी के अनुमान को भी 7.4 प्रतिशत से घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की यहां हुई पांचवीं बैठक में रेपो दर को 6.25 प्रतिशत तथा रिवर्स रेपो को 6 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया।
रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को अल्पावधि कर्ज देता जबकि रिवर्स रेपो के अंतर्गत आरबीआई बैंकों से अतिरिक्त नकदी को लेता है।