सेंट पीटर्सबर्ग (रूस): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रूस की कंपनियों को भारत में उच्च प्रौद्योगिकी रक्षा उपकरण बनाने की विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए भारतीय कंपनियों से भागीदारी करने को आमंत्रित किया। मोदी ने सालाना द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में यहां दोनों देशों के सीईओ को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत ने स्थानीय निजी कंपनियों को रक्षा उपकरणों के विनिर्माण के लिए विदेशी कंपनियों के साथ काम करने की नीति को पिछले ही महीने मंजूरी दी है। इस नीति से निजी कंपनियां विदेशी भागीदारी के जरिए पनडुब्बी, लड़ाकू विमान व बख्तरबंद गाड़ियां आदि बना सकेंगी। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में छठा सबसे बड़ा विनिर्माता है और हम जीडीपी में विनिर्माण के हिस्से को 16 प्रतिशत से बढाकर 25 प्रतिशत करना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि मैं रूसी कंपनियों को आमंत्रित करता हूं कि वे नई नीति का फायदा उठाते हुए विनिर्माता आधार बनाने के लिए भारतीय कंपनियों से भागीदारी करें। मोदी चाहते हैं कि स्थानीय विनिर्माता उद्योग को खड़ा करते हुए भारत की आयात पर निर्भरता को समाप्त किया जाए। उन्होंने रूस की कंपनियों से रक्षा में भारतीय कंपनियों के साथ काम करने को कहा। इस कार्यक्रम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी उनके साथ मौजूद थे। मोदी ने कहा कि भारत रूस के 70 साल के रिश्ते भरोसे पर आधारित हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस द्वारा भारत के साथ खड़े होने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि रिश्ते व्यापक हुए हैं और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। इसके साथ ही मोदी ने वाणिज्य, व्यापार, नवोन्मेष तथा अभियांत्रिकी को मौजूदा समय में बहुत महत्वपूर्ण करार दिया।