ताज़ा खबरें
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को टाटा पावर लिमिटेड और अदानी पावर लिमिटेड को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के फैसले को रद्द करते हुए इन दोनों बिजली समूह की बिजली की दरें बढ़ाने से इनकार कर दिया है। न्यायाधीश पिनकी चंद्र घोष और रोहिंटन एफ नरीमन की पीठ में इलेक्ट्रीसिटी ट्रिब्यूनल के 2016 के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की गई। ट्रिब्यूनल ने फैसले में कहा था कि कोयले की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि होना बिजली कंपनियों और वितरकों के बीच बिजली उत्पादन समझौते की एक अहम कड़ी है। टाटा और अदानी ने सुप्रीम कोर्ट में 2010 के इंडोनेशिया रेगुलेशन में बदलाव का हवाला भी दिया। दोनों कंपनियों ने कहा कि वह अपने इलेक्ट्रीसिटी प्लांट के लिए कोयला उसी देश से मंगाते है जिसके कारण बिजली के दामों में बढ़ोतरी होनी चाहिए। कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि हम केवल वही लाभ दे सकते हैं जो भारतीय कानून से संबंधित है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से टाटा पावर को 15 रुपये प्रति शेयर तक का झटका लग सकता है, जबकि अदानी पावर को 23 रुपये प्रति शेयर का नुकसान संभव है। टाटा पावर ने वित्त वर्ष 2013-16 के लिए 3300 करोड़ रुपये के राहत की मांग की थी।

वहीं अदानी पावर ने वित्त वर्ष 2013-16 के लिए 3000 करोड़ रुपये के राहत की मांग की थी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख