ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल

नई दिल्ली: वित्तीय सेवा कंपनी नोमूरा का अनुमान है कि भारत में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति अगले 3 माह तक बढ़ेगी और वर्ष 2017 में थोक महंगाई की औसत दर 4.4% के आस-पास रहेगी। वर्ष 2016 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति औसतन 2% थी। जनवरी में थोक मुद्रास्फीति बढ़ कर 5.2% पर पहुंच गयी जबकि दिसंबर में यह 3.4% थी। यह उछाल उस समय दिख रहा है जबकि बाजार नोटबंदी से प्रभावित था। नोमूरा की मुख्य अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने कहा कि थोक मुद्रास्फीति में यह बढ़ोतरी कोई ‘मांग जनित’ नहीं है बल्कि मुख्यत: जिंसों के दामों में बढ़ोतरी का नतीजा है। साथ ही इससे कंपनियों के लाभ के मार्जिन पर दबाव का भी संकेत मिलता है। इसके मांग जनित न होने का कारण यह बताया गया है कि जनवरी में लकड़ी, चमड़ा, गैर धात्विक सामान, मशीनरी और मशीन टूल और ट्रांसपोर्ट उपकरणों के दामों में गिरावट दर्ज की गयी। नोमूरा की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘थोक मुद्रास्फीति अभी तीन महीने चढ़ाई पर होगी और उसके बाद इसका ढलान आएगा।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017 में डब्ल्यूपीआई औसतन 4.4% रहेगी जो 2016 के 2% के औसत से काफी उंचा है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख