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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नोटबंदी के कारण नकदी संकट से जूझ रहे किसानों को मंगलवार को बड़ी राहत दी। सरकार ने नवंबर-दिसंबर 2016 के दौरान अल्पावधि फसल ऋण पर 660.50 करोड़ रुपये का ब्याज माफ कर दिया है। साथ ही सहकारी बैंकों की पुनर्वित्त लागत का बोझ उठाने के लिए नाबार्ड को 400 करोड़ रुपये का अनुदान देने का फैसला किया है। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने सहकारी बैंकों से कम समय का ऋण लिया है, मंत्रिमंडल ने उनका नवंबर-दिसंबर 2016 का ब्याज माफ कर दिया है। यह राशि करीब 660.50 करोड़ रुपये की है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मंत्रिमंडल ने 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2016 की अवधि के दौरान सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को दिए गए फसली ऋण पर दो महीने का ब्याज माफ करने के लिए 1,060.50 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसमें चालू वित्त वर्ष के दौरान नाबार्ड द्वारा सहकारी बैंकों को आगे कर्ज के लिए दिए गए 20 हजार करोड़ रुपये की अल्प अवधि कर्ज की ब्याज और नाबार्ड के प्रशासनिक खर्च की लागत भी शामिल है। सरकार ने साफ किया है जिन किसानों ने इन दो महीनों के लिए ब्याज जमा करा दिया है, उनके पैसे वापस किए जाएंगे।

यह रशि उन्हें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये उनके खातों में भेजी जाएगी।

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