नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में उन रिपोर्ट्स को खारिज किया था, जिनमें कहा गया था कि 30 दिसंबर तक बंद किए हए 97 फीसदी पुराने नोट वापस आए हैं। लेकिन अब ये आंकड़ा में सही साबित होता दिख रहा है। आरबीआई की ओर से प्रचलित करंसी को लेकर जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक यह अनुमान सही है। इन आंकड़ों के अनुसार 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद सिर्फ 54,000 करोड़ रुपये के पुराने नोट वापस नहीं आए। आरबीआई की ओर से आखिरी बार 19 दिसंबर को यह जानकारी दी गई थी कि नोटबंदी के बाद कितने पुराने नोट वापस लौटे हैं। हालांकि कितनी संख्या में नए नोट जारी किए गए हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। शुक्रवार को आरबीआई की ओर से जारी किए गए साप्ताहिक आंकड़ों में बताया गया है कि 6 जनवरी तक कुल 8.98 लाख करोड़ रुपये की करंसी प्रवाह में थी। इसमें 500 और 2000 रुपये के नए नोटों के अलावा 100, 50, 20 और 10 रुपये की छोटी करंसी के नोट भी शामिल हैं। इनमें 500 और 1000 रुपये के वह पुराने नोट भी शामिल हैं, जो अभी बैंकिंग सिस्टम में वापस नहीं लौटे हैं। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की ओर से 5 जनवरी को जारी रिपोर्ट में 97 फीसदी पुराने नोटों के बैंकिंग सिस्टम में लौटने की बात पर आरबीआई ने सवाल खड़े किए थे।
इस रिपोर्ट को लेकर आरबीआई ने कहा था, 'वापस आए नोटों की एक बार फिर से गिनती करनी होगी। वापस आए नोटों के आंकड़े में अकाउंटिंग की खामी हो सकती है या डबल काउंटिंग की भी समस्या हो सकती है।' एक बार फिर से इसकी अकाउंटिंग किए बिना किसी भी आंकड़े को सही नहीं कहा जा सकता है। आइए अब जानते हैं कि आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक बैन किए गए कितने नोट सिस्टम में वापस लौटे हैं। 8 नवंबर को राज्य सभा में वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर से दिए गए एक प्रश्न के जवाब कहा था कि 500 रुपये के 17,165 मिलियन नोट और 1,000 रुपये के 6858 मिलियन नोट मार्केट में सर्कुलेशन में थे। इन नोटों की कुल कीमत 15.44 लाख करोड़ रुपये थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक बंद किए गए नोटों का अर्थव्यवस्था में प्रवाह कुल करंसी का 86 फीसदी है। आरबीआई की ओर से 4 नवंबर को जारी किए गए डेटा के मुताबिक कुल 17.95 लाख करोड़ रुपये की करंसी बाजार में थी।