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बीजिंग: अमेरिका पर दक्षिण चीन सागर विवाद में उतरकर ‘बिल्कुल विध्वंसकारी भूमिका’ निभाने का आरोप लगाते हुए एक प्रमुख चीनी दैनिक ने कहा कि अमेरिका ने इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए ‘गलत दुश्मन’ का चयन किया है और चीन उसे अपनी नहीं चलाने देगा। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक मुखपत्र ‘पीपुल्स डेली’ ने अपनी टिप्पणी में लिखा है, ‘सैन्य ताकत के प्रदर्शन के मार्फत सुरक्षा के बारे में तथाकथित संदेश देना और घटनाक्रमों को प्रतिरोध का कृत्य बताना कुछ ऐसी चीज है जिसे अमेरिका ने कई बार किया है।’ अखबार ने लिखा, ‘भले ही अमेरिका ने दुनिया के अन्य हिस्सों में आसानी से कितनी भी बार शक्ति प्रदर्शन किया हो लेकिन इस बार उसने इस तरह के खेल के लिए चीन का चयन कर गलत दुश्मन चुन लिया है। इन सभी के पीछे धर्य की कमी और ढीठपन है तथा इससे अंदर की बात वर्चस्व की प्रकृति का भी खुलासा होता है।’ उसने कहा, ‘अमेरिकी सेना के शीर्ष अधिकारियों के बयान और विमानवाहक अ5यास खुद ही एक बार प्रदर्शित करते हैं कि अमेरिका कोई क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता नहीं है बल्कि निश्चित ही, एक समस्या खड़ा करने वाला तत्व है। दक्षिण चीन समुद्र के संबंध में, अमेरिका बहुत ही विध्वंसकारी भूमिका निभा रहा है।’

सोल: उत्तर कोरिया ने एक नयी, शक्तिशाली और मध्यम दूरी की मिसाइल के आज कुछ ही देर के अंतराल में दो परीक्षण किए। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन दोनों परीक्षणों में से कम से कम एक परीक्षण नाकाम रहा। मंत्रालय के अनुसार, पहला परीक्षण स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजे से कुछ पहले (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 9 बजे से कुछ पहले) किया गया लेकिन प्रतीत होता है कि यह परीक्षण असफल रहा। करीब दो घंटे बाद दूसरा परीक्षण पूर्वी तट पर उसी स्थान से किया गया जहां से पहला परीक्षण किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि वह पुष्टि नहीं कर सकता कि दूसरा परीक्षण सफल रहा या नहीं। समझा जाता है कि दोनों ही परीक्षण बहुचर्चित, मध्यम दूरी की मसदान मिसाइल के थे। यह मिसाइल अमेरिकी ठिकानों और गुआम तक को निशाना बनाने में सक्षम है। इससे पहले उत्तर कोरिया द्वारा इस साल किए गए मसदान मिसाइल के चार परीक्षण असफल रहे थे। यह उसके शस्त्र कार्यक्रम के लिए बड़ा झटका था। उत्तर कोरिया अमेरिका के खिलाफ परमाणु हमले की क्षमता विकसित करना चाहता है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है।

संयुक्त राष्ट्र: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर यहां संयुक्त राष्ट्र सचिवालय भवन के सामने 135 राष्ट्रों के लोग आज एकत्र हुए। संरा महासचिव बान की मून ने कहा कि योग का संदेश सौहार्द बढ़ाना है और उन्होंने लोगों से जाति और पंथ से उपर उठते हुए एकजुट होने की अपील की। इस मौके पर महासभा के अध्यक्ष मोगेंस लायकेटोफ्ट ने सतत विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए योग के महत्व का जिक्र किया। घंटे भर चले कार्यक्रम में प्रख्यात आध्यात्मिक नेता सदगुरू ने एक योग सत्र का नेतृत्व किया। इस कार्यक्रम का आयोजन संरा में भारत के स्थायी दूतावास ने किया था और इसमें संरा के शीर्ष अधिकारी, दूत, राजनयिक तथा योग करने वाले लोग शरीक हुए। ईसा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरू जग्गी वासुदेव ने कहा कि योग दुनिया को भारत का उपहार है। उन्होंने कहा, ‘हमें यह समझना चाहिए कि योग कोई भारतीय (चीज) नहीं है। अगर आप योग को भारतीय कहना चाहते हैं तो फिर गुरूत्वाकषर्ण को यूरोपीय कहिए।’ सदगुरू ने कहा, ‘हां योग की उत्पत्ति भारत से हुई और भारतीय के तौर पर हमें इस पर गर्व है, परंतु यह भारत का नहीं है।’ संरा में भारत के दूत सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि रिकॉर्ड 135 देशों के लोग दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए यहां एकत्र हुए। बान ने उल्लेख किया कि योग का संदेश ‘सद्भावना को बढ़ावा देना’ है।

कराची: अज्ञात बंदूकधारियों ने बुधवार को एक पूर्व नियोजित हमले में पाकिस्तान के बेहतरीन कव्वालों में से एक अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या कर दी। साबरी को रूह को छूने वाली सूफी गायिकी के लिए जाना जाता था। 45 साल के गायक और उनके एक सहयोगी कराची के लियाकतबाद 10 इलाके में कार में सफर कर रहे थे तभी मोटरसाइकिल सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने उनके वाहन पर गोलियां चलाईं। घटना के दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया जहां साबरी ने दम तोड़ दिया। बाद में उनके सहयोगी की भी मौत हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'साबरी के सीने और सिर में गोली लगी थी, उन्हें तत्काल अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। हमले में उनके सहयोगी की भी मौत हो गई।' अतिरिक्त पुलिस सर्जन डॉ. रोहिना हसन ने साबरी की मौत की पुष्टि की। उन्हें दो बार सिर में और एक बार कान में गोली मारी गई। प्रसिद्ध कव्वाल गुलाम फरीद साबरी के बेटे अमजद साबरी का परिवार सूफी कला और सूफी कविता के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पूरे उपमहाद्वीप में मशहूर है। साबरी की सबसे प्रसिद्ध और यादगार कव्वालियों में ‘भर दो झोली’, ‘ताजदार-ए-हरम’ और ‘मेरा कोई नहीं है तेरे सिवा’ शामिल हैं। साबरी ने यूरोप और अमेरिका में कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए थे।

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