कराची: अज्ञात बंदूकधारियों ने बुधवार को एक पूर्व नियोजित हमले में पाकिस्तान के बेहतरीन कव्वालों में से एक अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या कर दी। साबरी को रूह को छूने वाली सूफी गायिकी के लिए जाना जाता था। 45 साल के गायक और उनके एक सहयोगी कराची के लियाकतबाद 10 इलाके में कार में सफर कर रहे थे तभी मोटरसाइकिल सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने उनके वाहन पर गोलियां चलाईं। घटना के दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया जहां साबरी ने दम तोड़ दिया। बाद में उनके सहयोगी की भी मौत हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'साबरी के सीने और सिर में गोली लगी थी, उन्हें तत्काल अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। हमले में उनके सहयोगी की भी मौत हो गई।' अतिरिक्त पुलिस सर्जन डॉ. रोहिना हसन ने साबरी की मौत की पुष्टि की। उन्हें दो बार सिर में और एक बार कान में गोली मारी गई। प्रसिद्ध कव्वाल गुलाम फरीद साबरी के बेटे अमजद साबरी का परिवार सूफी कला और सूफी कविता के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पूरे उपमहाद्वीप में मशहूर है। साबरी की सबसे प्रसिद्ध और यादगार कव्वालियों में ‘भर दो झोली’, ‘ताजदार-ए-हरम’ और ‘मेरा कोई नहीं है तेरे सिवा’ शामिल हैं। साबरी ने यूरोप और अमेरिका में कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए थे।
उन्हें गायिकी की आधुनिक शैली के लिए कव्वाली का 'रॉकस्टार' कहा जाता था।