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न्यूयॉर्क: यूएसएड के पूर्व प्रमुख राजीव जे शाह रॉकेफेलर फाउंडेशन के अध्यक्ष होंगे। यह संगठन परोपकार कार्यों से जुड़े अमेरिका के सबसे बड़े एवं सबसे प्रभावशाली संगठनों में से एक है। शाह समूह का नेतृत्व करने वाले सबसे युवा व्यक्ति एवं पहले भारतीय अमेरिकी होंगे। शाह (43) ने कल ट्विटर पर लिखा, ‘रॉकेफेलर फाउंडेशन का अगला अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर खुश एवं गौरवान्वित हूं।’ न्यूयार्क टाइम्स ने अपनी एक खबर में कहा कि रॉकेफेलर फाउंडेशन आज जुडिथ रोडिन के उत्तराधिकारी के तौर पर शाह के नाम की घोषणा करेगा। जुडिथ 12 साल से फाउंडेशन की प्रमुख रही हैं। खबर में कहा गया कि नियुक्ति से शाह ‘धर्मार्थ सेवाओं से जुड़ी सबसे बड़ी शक्तियों’ में शामिल हो जाएंगे और हर साल करीब 20 करोड़ डॉलर का दान देने वाले समूह का प्रभार देखेंगे। 1913 में तेल कंपनी मालिक जॉन डी रॉकेफेलर ने इस फाउंडेशन की स्थापना की थी। शाह ने इस हफ्ते अखबार को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘मैंने देखा है कि लोग साथ मिलकर क्या कर सकते हैं। हम अगर लाखों नहीं तो कम से हजारों लोगों की जिंदगियां बचाने में सफल रहे।’ रॉकेफेलर फाउंडेशन बोर्ड के प्रमुख रिचर्ड पारसन्स ने कहा कि एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के तहत सैकड़ों उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया गया और यह काम करने वाली समिति ने सर्वसम्मति से शाह के नाम को अंतिम मंजूरी दी। उन्होंने कहा, ‘उनके (जुडिथ) बाद कमान संभालने के लिहाज से राज (राजीव शाह) सबसे उपयुक्त इंसान हैं। कामकाज का उनका रिकॉर्ड शानदार है। आप उन्हें किसी समूह के सामने खड़ा कर दें, वह उसे प्रभावित कर देंगे। अब उन्हें एक मंच मिला है।’ शाह 2009 से 2015 के बीच ओबामा प्रशासन में यूएसएड के प्रमुख थे और उससे पहले अमेरिकी कृषि विभाग में प्रभारी उप मंत्री एवं मुख्य वैज्ञानिक थे।

कराची: पाकिस्तान ने कथित रूप से उसके जलक्षेत्र में पहुंचने पर गिरफ्तार किये गये 219 भारतीय मछुआरों को आज रिहा कर दिया और इस तरह पिछले 10 दिन में सद्भावनापूर्ण कदम के रूप में पाकिस्तानी जेलों से रिहा भारतीय मछुआरों की कुल संख्या 439 हो गयी है। जेल अधीक्षक हसन सेहतो ने कहा कि गृह मंत्रालय से मिले निर्देशों पर मालिर जेल से 219 मछुआरों को रिहा किया गया है।सितंबर में उरी में भारतीय सेना के शिविर पर आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते में आये तनाव के बाद से दूसरी बार पाकिस्तान की जेलों से भारतीय मछुआरों को छोड़ा गया है। उरी हमले के लिए भारत ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया था। पाकिस्तान सरकार ने 25 दिसंबर को एक साल से अधिक समय से जेल में बंद 220 भारतीय मछुआरों को रिहा किया था।सेहतो ने कहा कि आज रिहा किये गये भारतीय मछुआरों को वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों के सुपुर्द किया जाएगा।उन्होंने कहा कि कराची की लांधी जेल में करीब 110 और भारतीय मछुआरे बचे हैं। पिछले साल मार्च में पाकिस्तान सरकार ने 87 भारतीय मछुआरों को छोड़ा था जो करीब ढाई साल से कराची की जेल में बंद थे।पाकिस्तान और भारत क्षेत्रीय सीमा का उल्लंघन करने पर एक दूसरे के मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं।

वाशिंगटन: अमेरिकी सेना ने खुद को अल्पसंख्यक धर्मों और संस्कृतियों के संदर्भ में अधिक समावेशी बनाते हुए हाल ही में एक नया नियमन जारी किया है। इस नियमन के जरिए सेना ने पगड़ी, हिजाब पहनने वाले या दाढ़ी रखने वाले लोगों को सेना में भर्ती होने की मंजूरी दे दी है। सैन्य सचिव एरिक फैनिंग की ओर से जारी किए गए ये नए नियम ब्रिगेड स्तर पर धार्मिक पहचानों को समाहित करने की मंजूरी देते हैं। इससे पहले यह मंजूरी सचिव स्तर तक के लिए थी। इस मंजूरी के बाद हुआ बदलाव यह सुनिश्चित करेगा कि धार्मिक पहचान का समावेश स्थायी हो और अमेरिकी सेना में अधिकतर पदों पर लागू हो। कांग्रेस सदस्य जो क्राउले ने अमेरिकी सैन्य सचिव की ओर से जारी निर्देश का स्वागत करते हुए कहा कि यह न सिर्फ सिख अमेरिकी समुदाय के लिए, बल्कि हमारे देश की सेना के लिए एक बड़ी प्रगति है। सिख-अमेरिकी इस देश से प्यार करते हैं और हमारे देश में सेवा का उचित अवसर चाहते हैं। आज की घोषणा ऐसा करने में मददगार साबित होगी। क्राउले ने कहा कि हम एक मजबूत सेना से लैस मजबूत देश हैं क्योंकि हम धार्मिक एवं निजी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। सिख-अमेरिकियों और अमेरिकी सांसदों ने इस कदम का स्वागत किया है। ये लोग पिछले कई साल से इस संदर्भ में चल रहे राष्ट्रीय अभियान के अगुवा रहे हैं। अमेरिकी सेना की ओर से तीन जनवरी को घोषित इन बदलावों से पहले सिख अमेरिकियों और अन्य को अपने धर्म से जुड़ी चीजों को अपने साथ रखते हुए सेना में सेवा देने की अनुमति सीमित थी।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर को देश का ‘अभिन्न हिस्सा’ बताया और एक बार फिर भारत को भड़काने का प्रयास करते हुए हिज्बुल मुजाहिदीन के मृत आतंकवादी बुरहान वानी को ‘ऊर्जावान एवं करिश्माई नेता’ बताया। उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संसदीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए आत्म निर्णय के अधिकार के लिए कश्मीरी लोगों के संघर्ष को लेकर उनकी भावना एवं संकल्प की सराहना की। रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार शरीफ ने कहा, ‘हमारा दिल हमारे कश्मीरी भाइयों के साथ धड़कता एवं दुखी होता है।’ उन्होंने कश्मीर के पाकिस्तान का ‘अभिन्न हिस्सा’ होने की बात पर जोर देते हुए कहा कि दुनिया को कश्मीर की नीति को लेकर भारत से कहना चाहिए कि ‘बहुत हो चुका’ । पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने दावा किया कि ‘ऊर्जावान एवं करिश्माई कश्मीरी नेता बुरहान वानी ने कश्मीर के आंदोलन को एक नया मोड़ दिया।’ उन्होंने 8 जुलाई को सुरक्षा बलों के हाथों वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए वहां के लोगों पर भारत की कथित ‘आक्रामकता’ को लेकर अफसोस जताया। शरीफ ने कहा कि हर पाकिस्तानी कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए संघर्ष का समर्थन करता है।

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