सेंट लुइस (अमेरिका): राष्ट्रपति पद की डेमोकेट्रिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिका में मुस्लिमों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की डोनाल्ड ट्रंप की योजना को लेकर आज उन्हें आड़े हाथों लिया और कहा कि (मुस्लिम) समुदाय के बारे में उनकी भड़काउ भाषणबाजी में उलझना अदूरदर्शी और खतरनाक होगा। ट्रंप की वर्ष 2005 की वीडियो के मुद्दे के चलते प्रेजीडेंशियल बहस में शुरू से ही कटुता आ गई थी। इस वीडियो में ट्रंप ने महिलाओं के खिलाफ अभद्र और यौन रूप से भड़काउ टिप्पणियां की थीं। बहस से पहले ही ट्रंप और हिलेरी के बीच बढ़ चुकी प्रतिद्वंद्विता तभी दिखाई दे गई थी कि दोनों उम्मीदवार जब दूसरी बहस के लिए वाशिंगटन विश्वविद्यालय के मंच पर उतरे तो हिलेरी ने ट्रंप से हाथ तक नहीं मिलाया। टाउन-हॉल शैली की बहस के दूसरे हिस्से में, दोनों प्रतिद्वंद्वी ओबामाकेयर, करों और इस्लामोफोबिया के मुद्दे पर उलझे। गोरबा हामीद नामक एक मुस्लिम महिला ने दोनों उम्मीदवारों से पूछा कि वे चुनाव के बाद उस जैसे लोगों पर देश के लिए खतरा होने का तमगा लगाए जाने के परिणामों से कैसे निपटेंगे? जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या मुस्लिमों का अमेरिका में प्रवेश प्रतिबंधित करना अब उनका रूख नहीं है, तो ट्रंप ने कहा कि प्रतिबंध ने ‘दुनिया के कुछ हिस्सों से आने वाले लोगों की अत्यधिक जांच का रूप लिया है।’
उन्होंने कहा, ‘यह अत्यधिक जांच कहलाता है। हम सीरिया जैसे क्षेत्रों की ओर जा रहे हैं, जहां से हजारों की संख्या में लोग आ रहे हैं क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और हिलेरी क्लिंटन चाहते हैं। इस संख्या में 550 प्रतिशत का इजाफा हो जाए।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में लोग इस तरह आ रहे हैं कि हमें पता ही नहीं है कि वे कौन हैं, कहां से हैं और हमारे देश को लेकर उनकी क्या भावनाएं हैं। और वह (हिलेरी) ऐसे 550 प्रतिशत और लोग चाहती हैं। यह खतरनाक साबित होने वाला है।’ ट्रंप ने कहा कि वह लाखों लोगों को सीरिया से यहां आते नहीं देखना चाहते, ‘जबकि हम उनके बारे में, उनके मूल्यों के बारे में और हमारे देश के प्रति उनके प्यार के बारे में कुछ नहीं जानते।’ हिलेरी ने जवाब में चिल्लाते हुए कहा, ‘हम इस्लाम के साथ युद्धरत नहीं हैं।’ हिलेरी ने कहा कि मुस्लिमों के खिलाफ ट्रंप की बेहद बेवकूफाना और खतरनाक टिप्पणियों का इस्तेमाल आतंकियों की भर्ती के लिए किया जाता है। हिलेरी ने कहा कि राष्ट्रपति बनने पर वह ऐसे किसी व्यक्ति को देश में नहीं रहने देंगी, जो उनके हिसाब से अमेरिका के लिए खतरा होगा लेकिन बहुत से शरणार्थियों को जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे होते हैं..उन्हें सिर्फ इस आधार पर अमेरिका में प्रवेश देने से इंकार नहीं किया जा सकता कि वे मुस्लिम हैं। उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम जांच करवाएंगे। हमारे पेशेवरों, खुफिया जानकारी के विशेषज्ञों और अन्य की ओर से इस जांच को जितना कड़ा करने की जरूरत होगी, इसे किया जाएगा। लेकिन यहां हमारे लिए अहम यह है कि हम डोनाल्ड ट्रंप की तरह यह न कहें कि हम एक नीतिगत आधार पर लोगों को एक धर्म के आधार पर प्रतिबंधित करने वाले हैं।’ हिलेरी ने सवाल उठाया, ‘आप ऐसा कैसे करेंगे? हमारा देश धार्मिक स्वतंत्रता की नींव पर खड़ा है। हम अपने देश के भीतर भारी तनाव पैदा किए बिना उनकी कही बात को कैसे अंजाम दे सकते हैं? क्या जब लोग हमारे देश में आएंगे तो हम उनकी धार्मिक परीक्षाएं लेंगे? हम इस बात को लागू करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?’ उन्होंने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप मुस्लिमों के बारे में जो भड़काउ भाषणबाजी करते हैं, उसमें उलझना बेहद अदूरदर्शी और खतरनाक है। हमारे लिए जरूरी है कि अमेरिकी मुस्लिम हमारे मुख्य मोचरें पर हमारे आंख-कान बनें।’ हिलेरी ने ट्रंप द्वारा मुस्लिमों और कैप्टन हुमायूं खान जैसे लोगों के खिलाफ कही गई बेहद विभाजक और घिनौनी बातों के लिए भी उनपर निशाना साधा। खान एक युवा अमेरिकी सैनिक था, जिसने देश की रक्षा करते हुए जान दे दी लेकिन उसे डोनाल्ड ट्रंप ने निशाने पर लिया था। हिलेरी ने कहा कि आईएसआईएस को हराने के लिए अमेरिका को मुस्लिम बहुल देशों के साथ मिलकर काम करना होगा लेकिन ट्रंप की भाषणबाजी के चलते ये देश सवाल उठा रहे हैं कि उन्हें अमेरिका के साथ सहयोग क्यों करना चाहिए? हिलेरी ने कहा, ‘यह आईएसआईएस और हिंसक जिहादी आतंकियों के लिए एक उपहार है। हम इस्लाम के साथ युद्धरत नहीं हैं और यह एक गलती है और यह आतंकियों के हाथ का खिलौना बनकर यह दिखाने लगता है कि मानो हम इस्लाम के खिलाफ युद्धरत हैं। इसलिए मैं एक ऐसा देश चाहती हूं, जहां आपके जैसे नागरिक और आपके परिवार का किसी भी अन्य की तरह स्वागत हो।’ हिलेरी ने कहा कि मुस्लिमों पर प्रतिबंध लगाने की ट्रंप की योजना बेहद बेवकूफाना और खतरनाक है। वह मुस्लिमों के बारे में जो बात कहते हैं, उसका इस्तेमाल आतंकी ठिकानों पर आतंकियों की भर्ती के लिए किया जाता है ‘‘क्योंकि वे हमारे बीच में युद्ध करवाना चाहते हैं। ट्रंप ने वापस हमला बोलते हुए कहा कि ‘‘हत्यारे और कुछ बेहद बुरे लोग’’ देश में घुस आए हैं और विदेश मंत्री होने के नाते हिलेरी ने इस दिशा में कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘वह बेहद भयावह चीज कर रही हैं। उन्होंने बेहद बुरा फैसला लिया। ईमानदारी से कहूं तो यह इतना बुरा है कि उन्हें कभी अमेरिका की राष्ट्रपति नहीं बनना चाहिए।’ मुस्लिम दंपति द्वारा अंजाम दिए गए सन बर्नार्डिनो जनसंहार का हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा कि मुस्लिम लोगों को चाहिए कि वे अपने पड़ोस में समस्याएं देखने पर उनकी रिपोर्ट दर्ज कराएं। ट्रंप ने कहा, ‘हिलेरी और राष्ट्रपति ओबामा उस शब्द का जिक्र तक नहीं करेंगे। किसी समस्या को सुलझाने के लिए आपको यह बताने में सक्षम होना चाहिए कि समस्या है क्या या फिर उसका नाम क्या है। वह नाम नहीं लेंगी और राष्ट्रपति ओबामा भी नाम नहीं लेंगे लेकिन इस समस्या का नाम है। यह नाम है चरमपंथी इस्लामी आतंक।’ हिलेरी ने भी कहा कि पहली बार कोई विदेशी ताकत राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने ट्रंप को फायदा पहुंचाए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि ट्रंप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बेहद करीबी रहे हैं।’ हिलेरी ने मांग की कि ट्रंप अपने कर रिटर्न जारी करें ताकि लोग देख पाएं कि रूसी और अन्य विदेशी ताकतों के साथ उनके क्या गठजोड़ और वित्तीय संबंध हैं। इसके जवाब में ट्रंप ने कहा, ‘मैं पुतिन को नहीं जानता। अच्छा होगा कि हम रूस के साथ चलें क्योंकि मिलकर ही हम आईएसआईएस के साथ मुकाबला कर सकते हैं। मैं पुतिन को नहीं जानता।’