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न्यूयॉर्क: अमेरिका ने कहा है कि वह पाकिस्तान पर उसकी सीमा के अंदर पनाह लेने वाले आतंकवादी समूहों से निपटने में ‘अतिरिक्त कदम’ उठाने के लिए दबाव डालेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने में अमेरिका से मदद मांगी थी, जिसके कुछ घंटे बाद अमेरिका का यह बयान सामने आया है। शरीफ ने अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी से कल मुलाकात कर कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों एवं हिंसा का मुद्दा उठाया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र से इतर शहर में केरी के साथ शरीफ की यह पहली द्विपक्षीय बैठक थी और इस बातचीत में कश्मीर का प्रमुखता से जिक्र किया गया था। केरी और शरीफ के बीच द्विपक्षीय बातचीत के तुरंत बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आतंकवादी समूहों के साथ प्रभावी तरीके से निपटने में अमेरिका पाकिस्तान की ओर से अधिक प्रगति देखना चाहता है। न्यूयार्क फॉरेन प्रेस सेंटर में टोनर ने संवाददाताओं को बताया कि ‘जाहिर तौर पर अमेरिका-पाकिस्तान के रिश्ते बेहद अहम हैं।’ शरीफ और केरी की मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ना सिर्फ द्विपक्षीय एजेंडा बल्कि क्षेत्रीय एजेंडा में भी बहुत कुछ शामिल है। टोनर ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच पाकिस्तान की ओर से आर्थिक सुधार को लेकर जारी प्रयासों पर चर्चा होने की संभावना है,

लेकिन इस एजेंडा में निश्चित रूप से सुरक्षा का मुद्दा भी शामिल होगा और हमलोग पाकिस्तान से लगातार यह अनुरोध करते रहेंगे कि वह उन सभी आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जिनका ना सिर्फ पाकिस्तान सामना करता है, बल्कि उन समूहों के खिलाफ भी प्रभावी तरीका अपनाए जो उसके यहां शरण लेते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ प्रगति देखी है, लेकिन इसमें और प्रगति होनी चाहिए और मुझे लगता है कि इस दिशा में आगे बढ़कर ही हम साथ काम करना जारी रख पाएंगे और ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि क्षेत्र के अंदर व्यापक आतंकवादरोधी अभियान को प्रोत्साहित करने की कोशिश करते रहेंगे।’ बैठक के बारे में जानकारी देते हुए पाकिस्तान मिशन ने बताया कि शरीफ ने कहा, ‘मुझे अब तक अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का वह वादा याद है कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय विवादों और मुद्दों को सुलझाने में मदद करेगा और इसमें अहम भूमिका निभाएगा।’ शरीफ ने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि अमेरिकी प्रशासन और विदेश मंत्री केरी भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने में मदद के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेंगे।’ ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के साथ मुलाकात में शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उठाया और क्षेत्र में लोगों के खिलाफ सेना के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए भारत को सहमत करने में ब्रितानी नेता से भूमिका अदा करने को कहा। पाकिस्तान मिशन की ओर से जारी सूचना के अनुसार शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों के आत्म निर्णय के लिए उनके जायज संघर्ष का समर्थन करता है और कश्मीर के मुद्दे पर उसकी प्रतिबद्धता अपरिवर्तनीय है। उन्होंने कहा, ‘हम लोग अपने कश्मीरी भाइयों को किसी कीमत पर निराश नहीं करेंगे। हमलोग अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसकी दशकों पुरानी प्रतिबद्धताओं की याद दिलाते रहेंगे जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है।’ शरीफ ने कहा कि कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन और सरकारी दमन चरम पर है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का यह कर्तव्य है कि वह भारत से बेकसूर एवं नि:सहाय कश्मीरी लोगों पर किए जा रहे सरकारी अत्याचारों को तत्काल खत्म करने के लिए कहे। बहरहाल, शरीफ के साथ मौजूद पाकिस्तान के विदेश सचिव और अन्य अधिकारियों के संवाददाता सम्मेलन में या उनकी मेजबानी में होने वाले किसी कार्यक्रम में पाकिस्तान के अधिकारियों ने भारतीय मीडिया को जाने की अनुमति नहीं दी।

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