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माले: मालदीव की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के सत्ता में रहने के दौरान सरकारी धन के कथित दुरूपयोग के मामले की जांच को लेकर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। नशीद मालदीव में लोकतांत्रिक रूप से चुने गए पहले राष्ट्रपति थे और साल 2012 में उनको अपदस्थ कर दिया गया था। 49 साल के नशीद को इसी साल मई में ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मिली। आतंकवाद के मामले में नशीद को दोषी करार दिया गया था और 13 साल की जेल की सजा काटते हुए उनको उपचार कराने के लिए बाहर जाने की इजाजत मिली थी। पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति रहने के दौरान सरकारी धन का कथित तौर पर दुरूपयोग करने के मामले में जांच को लेकर नशीद की गिरफ्तारी की मांग की गई थी।’ समाचार पत्र ‘द मालदीव इंडिपेंडेंट’ के मुताबिक पुलिस ने कहा, ‘मालदीव की सुधार सेवा नशीद को वापस लाने की मांग कर रही है ताकि वह आतंकवाद के मामले में 13 साल की सजा काट सकें।’ आतंकवाद से जुड़े मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद नशीद को मार्च, 2015 में जेल की सजा सुनाई गई थी। इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा भी हुई थी। मालदीव की मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद जमील अहमद और अकरम कमालदीन को गिरफ्तार करने और वापस लाने के लिए भी पुलिस को अधिकृत किया गया है। इन लोगों ने चार अगस्त को पुलिस की ओर से जारी सम्मन का अनुपालन नहीं किया था।

सम्मन में इन लोगों को पूछताछ के लिए दो सप्ताह के भीतर स्वदेश लौटने के लिए कहा गया था। पिछले साल जुलाई में मालदीव से भागने वाले जमील को भी ब्रिटेन की सरकार ने राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा प्रदान किया। इसके बाद से वह ब्रिटेन में स्व-निर्वासित जीवन बिता रहे हैं।

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