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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की विधानसभा ने बलूचिस्तान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और संघीय सरकार से मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने को कहा है। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के विधायक मुहम्मद खान लहरी ने कल प्रस्ताव रखा था।विधानसभा में सभी राजनीतिक दलों ने प्रस्ताव का समर्थन किया।बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री नवाब सनाउल्ला जहरी ने अन्य विधायकों के साथ प्रस्ताव पर दस्तखत किये। प्रस्ताव में कहा गया है, ‘बलूचिस्तान के बारे में भारत के प्रधानमंत्री के बयान ने साबित किया है कि प्रांत में आतंकवाद स्पष्ट रूप से भारत प्रायोजित है।’ प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए लहरी ने कहा, ‘भारतीय प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की संप्रभुता का और इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन किया है।’ सदन ने मांग की कि संघीय सरकार मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाये। इसमें कहा गया है कि ‘बलूचिस्तान में भारत की कुटिल सोच को उजागर किया जाए।’ बलूचिस्तान के गृहमंत्री सरफराज बुगती ने कहा कि मोदी ने कश्मीर से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए इस तरह का बयान दिया। डॉन अखबार की खबर के अनुसार नेशनल पार्टी के नेता सरदार असलम बिजेंजो ने मोदी के बयान की कड़ी निंदा करते हुए सभी राजनीतिक शक्तियों से पाकिस्तान के दुश्मनों की सोच को नाकाम करने के लिए एकजुट होने को कहा।

उन्होंने कहा, ‘हम पाकिस्तान के पक्ष में एकजुट हैं।’ प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहा था कि बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की जनता ने उनकी समस्याएं उठाने के लिए उन्हें शुक्रिया अदा किया है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भी पिछले सप्ताह इसी तरह का प्रस्ताव पारित किया गया था।

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