बीजिंग: चीनी सेना ने गुरूवार को कहा कि सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता को कायम रखने के लिए दोनों देशों के बीच बनी आमराय के उलट भारत को कुछ नहीं करना चाहिए। चीन सीमा पर ब्रह्मोस मिसाइल तैनात किए जाने की खबरों के मद्देनजर यह टिप्पणी आई है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वु छियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत..चीन सीमा पर शांति एवं स्थिरता कायम रखने के लिए दोनों देशों में एक अहम आमराय बनी है।’ वु ने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि भारत सीमावर्ती क्षेत्र में विरोधाभास के बजाय शांति एवं स्थिरता के लिए और अधिक काम कर सकता है।’ उनकी टिप्पणी इन खबरों के बाद हैं जिनमें कहा गया है कि भारत सरकार ने अतिरिक्त ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की तैनाती को मंजूरी दी है जिन्हें पूर्वी क्षेत्र में तैनात किया जाएगा, ताकि चीन से लगी सीमा पर इसकी क्षमताओं को बढ़ाया जा सके। रक्षा सूत्रों ने नयी दिल्ली में कहा था कि सरकार ने 4,300 करोड़ रूपया की लागत से चौथे ब्रह्मोस रेजीमेंट को मंजूरी दी है। पीएलए डेली में एक टिप्पणी के बारे एक सवाल के जवाब में वु ने टिप्पणी में जिक्र किए जवाबी उपायों के खतरों को भी तवज्जो नहीं दी। इसमें सीमा पर इन मिसाइलों की तैनाती के फैसले की आलोचना की गई थी। खबरों का जिक्र करते हुए पीएलए डेली की टिप्पणी में कहा गया है कि भारत सरकार ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों के करीब 100 नये उन्नत प्रारूपों को मंजूरी दी है जिन्हें देश के पूर्वोत्तर में तैनात किया जाएगा।
इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन में आयोजित होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अगले महीने वहां जा रहे हैं और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात करेंगे।उल्लेखनीय है कि चीन अरुणाचल प्रदेश के कुछ सरहदी इलाकों पर अपनी दावेदारी करता है। इसके साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की दोनों ही पक्ष अपने ढंग से व्याख्या करते हैं।