इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अल अरेबिया चैनल को दिए इंटरव्यू में भारत के प्रधानमंत्री के साथ बातचीत की पेशकश की है। लेकिन इसे सीधे तौर पर कश्मीर मुद्दे से भी जोड़ा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने अपना सबक ले लिया है। भारत के साथ जंग का नतीजा बेरोजगारी, ग़रीबी रही। भारत हमारा पड़ोसी मुल्क़ है। हम पड़ोसी हैं और बिल्कुल साफ़ बात करें तो पड़ोसी होना किसी मर्ज़ी से नहीं है। बल्कि हम हमेशा से ऐसे हैं। ये हम पर है कि हम शांतिपूर्वक रहें और तरक्की करें या एक दूसरे से लड़ें और समय बर्बाद करें। ये पूरी तरह से हम पर है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने... पाकिस्तान ने अपना सबक ले लिया है। भारत के साथ हमारी तीन जंग हुई और इसके नतीजे के तौर पर दुखदर्द, बेरोजगारी, ग़रीबी आई। लाखों लोगों का जीवन स्तर संतुष्टि वाले से कम संतुष्टि वाले स्तर पर गिरा। हमने अपना सबक सीख लिया और हम भारत के साथ शांतिपूर्वक रहना चाहते हैं। बशर्ते हम अपने वास्तविक समस्याओं को सुलझाने में क़ामयाब हों। ये बहुत ही अहम है।
उन्होंने कहा, भारत के नेतृत्व और पीएम मोदी के लिए हमारा संदेश है कि आइए टेबल पर बैठते हैं और गंभीर और ईमानदार बातचीत करते हैं।
इंटरव्यू में उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर भी बात की और कहा यहां रात दिन मानवाधिकारों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। कश्मीरियों को संविधान में 370 के ज़रिए जो भी संप्रभुता दी गई थी, उन्होंने उसे अगस्त 2019 में ख़त्म कर दिया। वहां अल्पसंख्यकों के साथ बहुत बुरा बर्ताव हो रहा है। मैं इसके विस्तार में नहीं जा रहा इतना कहना काफ़ी है कि ये बंद होना चाहिए। ताकि दुनिया के देशों में ये संदेश जाए कि भारत बातचीत के लिए तैयार है। हम तो तैयार बैठे ही हैं।
एंकर ने जब उनसे सवाल किया कि तो आप शांति के लिए तैयार हैं? इसपर पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि बिल्कुल... और निष्कर्ष के तौर पर.. एक और बात कहना चाहता हूं। हमारे पास बहुत मानवीय संसाधन, लेबर, इंजीनियर हैं और ये हमारी संपत्ति हैं। हम चाहते हैं कि उसे सौहार्द में बदलने के तरीक़े अपनाए जाएं। इसके लिए ज़रुरी है कि हम अपने संसाधनों का इस्तेमाल ग़रीबी, बेरोज़गारी ख़त्म करने के लिए करें। दवा और उच्च शिक्षा जैसी चीजें मुहैया करने के लिए करें। संसाधनों को असलाह और बम ख़रीदने पर नष्ट न करें... और अंतिम बात कि हम दोनों न्यूक्लियर पॉवर हैं। ख़ुदा न खास्ते अगर जंग हुई तो क्या होगा ये बताने के लिए कौन रह जाएगा... इसलिए ये कोई विकल्प नहीं है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आगे कहा कि कल हमने अपने भाई राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद को अनुरोध किया है कि वे पाकिस्तान के भाई हैं, यूएई का पाकिस्तान के साथ भाईचारा है और उनके भारत के साथ भी अच्छे संबंध हैं। वे दोनों देशों को बातचीत की टेबल पर लाने में बहुत अहम भूमिका निभा सकते हैं। मैं अपनी तरफ़ से भरोसा देता हूं कि हम भारत के साथ संजीदगी से बातचीत को तैयार हैं। लेकिन इसके लिए दोनों को साथ आना होगा... ताली दोनों हाथों से बजे।”
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के दफ्त़र से आया स्पष्टीकरण
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री दफ्त़र का स्पष्टीकरण आया है। जिसमें कहा गया है कि पीएम शहबाज शरीफ ने इंटरव्यू में साफ़ किया कि भारत के साथ बातचीत तभी होगी, जब वो 5 अगस्त 2019 को अपने 'अवैध फ़ैसले' को वापस ले। इसके बिना बातचीत संभव नहीं है। कश्मीर समस्या का यूएन रेजोल्यूशन और कश्मीर के लोगों की आकांक्षा के मुताबिक़ हो।