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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मसले पर चीन और पाकिस्तान पर शनिवार को परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में घोषित आतंकवादियों का बचाव करने वाले देश न तो अपने हितों और न ही अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रख रहे हैं। जयशंकर ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कभी-कभी घोषित आतंकवादियों का बचाव करने की हद तक यूएनएससी 1267 प्रतिबंध व्यवस्था का जो राजनीतिकरण करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कोई भी टिप्पणी चाहे किसी भी मंशा से क्यों न की गई हो, कभी भी खून के धब्बे नहीं ढक सकती। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘दशकों से सीमा पार आतंकवाद का खामियाजा भुगतता रहा भारत ‘जीरो टॉलरेंस' के दृष्टिकोण की दृढ़ता से वकालत करता है। हमारे विचार में आतंकवाद के किसी भी कृत्य को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता है। कोई भी टिप्पणी, चाहे वह किसी भी मंशा से क्यों न की गई हो, कभी भी खून के धब्बे को ढक नहीं सकती।''

इससे पहले भारत ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 77वें सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से शुक्रवार को भारत विरोधी बयान देने पर उनकी आलोचना की थी। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन के पहले सचिव मिजिटो विनिटो ने कश्मीर मुद्दे पर शहबाज शरीफ के दावों को झूठा करार दिया और इस्लामाबाद पर "सीमा पार आतंकवाद" में शामिल होने का आरोप लगाया।

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