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नई दिल्ली: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को नजरबंद किए जाने की कई खबरें इंटरनेट पर शेयर की जा रही हैं। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट के मुताबिक, शी चिनफिंग को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रमुख के पद से हटा दिया गया है और उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। हालांकि, न तो देश की सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और न ही राज्य मीडिया ने अभी तक इस खबर की आधिकारिक पुष्टि की है।

बता दें कि शी चिनफिंग ने हाल ही में उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यहां उन्होंने कई अन्य राष्ट्राध्यक्षों के साथ बातचीत की। इस दौरान 2020 में भारत और चीन के बीच सीमा पर हुई झड़प के बाद वो पहली बार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के आमने-सामने आए।

कई ट्विटर यूजर्स ने शनिवार को शी के कथित हाउस अरेस्ट के बारे में पोस्ट किया। कुछ ने तो यह भी दावा किया कि यह एक सैन्य तख्तापलट था और पीएलए के वाहन पहले ही राजधानी बीजिंग की ओर बढ़ने लगे हैं।

जेनिफर ज़ेंग नामक शख्स ने ट्वीट किया, “#पीएलए सैन्य वाहन 22 सितंबर को #बीजिंग की ओर जा रहे हैं। गाड़ियों का काफिला बीजिंग के पास हुआनलाई काउंटी से शुरू होकर हेबेई प्रांत के झांगजियाकौ शहर में समाप्त होता है। पूरा काफिला 80 KM लंबा है। इस बीच, अफवाह यह है कि #सीसीपी के वरिष्ठों द्वारा उन्हें पीएलए के प्रमुख के पद से हटाने के बाद #शी चिनफिंग को होम अरेस्ट कर लिया गया है।”

एक अन्य यूजर गॉर्डन जी चांग ने कहा, "बीजिंग जाने वाले सैन्य वाहनों का यह वीडियो देश में 59 प्रतिशत उड़ानों के ग्राउंडिंग और वरिष्ठ अधिकारियों को जेल भेजने के तुरंत बाद का है। बहुत अधिक उथल-पुथल है, जिसका अर्थ है कि सीसीपी के अंदर कहीं आग है। चीन अस्थिर है।"

ट्विटर पर, बीजिंग से व्यावसायिक उड़ान के लिए उड़ान भरने के बारे में असत्यापित रिपोर्टें भी साझा की गई हैं। चीन के कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि सोशल मीडिया पर कमेंट्री से परे अभी तक तख्तापलट का कोई संकेत नहीं है। चीन के एक विशेषज्ञ आदिल बराड़ ने कहा कि उज्बेकिस्तान से लौटने के बाद शी जिनपिंग को क्वारंटीन में रखा जा सकता है, जो सार्वजनिक मामलों से उनकी अनुपस्थिति की व्याख्या करेगा।

शी चिनफिंग की नजरबंदी की अटकलों के बाद चीन ने इस सप्ताह की शुरुआत में दो पूर्व मंत्रियों को मौत की सजा सुनाई। दो मंत्री और चार अन्य अधिकारी, जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, कथित तौर पर एक 'राजनीतिक गुट' का हिस्सा हैं।

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