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तेहरान: ईरान में 22 वर्षीय महिला महसा अमीनी की हिजाब के चलते हिरासत में हुई मौत के बाद ईरान में हिजाब विवाद ने तूल पकड़ लिया है। ईरान में हिजाब की पाबंदी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने हिंसक कार्रवाई की है। इस मामले में ईरानी सुरक्षाबलों हाथों कम से कम 31 नागरिक मारे गए हैं। यह विरोध प्रदर्शन महसा अमीनी के हिरासत में हुई मौत के बाद भड़के थे। अमीनी को हिजाब न पहनने पर नैतिक पुलिस ने हिरासत में लिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। अमीनी की मौत के बाद से महिलाएं भड़की हुई हैं। यहां तक कि अपना विरोध दर्ज कराने के लिए महिलाएं हिजाब को जला रही हैं और कुछ महिलाएं तो अपने लंबे बाल भी काट रही हैं।

कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अमीनी को हिरासत में लिए जाने के बाद वे कोमा में चली गई थी और उसके बाद उनकी मौत हो गई। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो के मुताबिक, माहसा अमीनी की मौत के बाद कई महिलाओं ने हिजाब उताकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

महसा अमिनी की मौत ने पूरे तेहरान को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है। बड़ी संख्या में महिलाएं देश के 'ड्रेस कोड' कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।

सोशल मीडिया पर की गई कई पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि, अमीनी को हिजाब न पहनने पर पुलिस ने शारीरिक प्रताड़ना दी, जिससे सिर में चोट आने के कारण अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। हालांकि, इस तथ्य की पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस के मुताबिक, हिरासत में लिए जाने के बाद अमीनी बीमार हो गई थीं, जिससे उनकी मौत हो गई।

 

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