न्यूयार्क: वर्षो के कटु रिश्तों के बाद इजरायल और तुर्किये ने बुधवार को एलान किया कि वे पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल कर रहे हैं। जल्द ही दोनों देश एक दूसरे के यहां अपने राजदूत तैनात करेंगे। कभी दोस्त रह चुके दोनों देशों के बीच बीते एक दशक से भी अधिक समय से रिश्ते अच्छे नहीं रह गए थे। इस साल के शुरू में दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ के पिघलने के संकेत मिले थे।
इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने इस साल में मार्च में तुर्किये की यात्रा की थी। तब तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने धूमधाम के साथ उनका स्वागत किया था। हर्जोग के इस स्वागत को दोनों देशों के टूटे रिश्ते को दोबारा पटरी पर लाने के रूप में वर्णित किया गया था। यह 14 वर्षो में इजरायली के किसी सर्वोच्च नेता की पहली तुर्किये यात्रा थी।
दोनों देशों के बीच रिश्तों में ज्यादा खटास एर्दोगन द्वारा इजरायल की फलस्तीन की नीति की आलोचना से पैदा हुई थी। इसके जवाब में इजरायल ने तुर्किये द्वारा फलस्तीनी आतंकी समूह हमास को गले लगाने पर सवाल उठाए थे।
इजरायल के अंतरिम प्रधान मंत्री यायर लैपिड ने बुधवार को एक बयान में कहा, 'तुर्किये के साथ संबंधों की बहाली क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। यह इजरायल के नागरिकों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण समाचार है। हम दुनिया में इजरायल की स्थिति को मजबूत करना जारी रखेंगे।'
साल 2010 में इजरायल की नाकाबंदी को तोड़ने वाले फिलिस्तीनियों के लिए मानवीय सहायता ले जाने वाले गाजा-बाउंड फ्लोटिला पर इजरायली सेना द्वारा धावा बोलने के बाद देशों ने अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था। इस घटना में नौ तुर्की कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी। संबंधों को सुधारने के प्रयास के बाद, तुर्की ने 2018 में अपने राजदूत को वापस बुला लिया। जिसके बाद अमेरिका ने इजरायल में अपने दूतावास को यरूशलेम में स्थानांतरित कर दिया।